भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद सुभाषिनी अली का बयान सरकार पर जमकर बरसीं सुभाषिनी अली उन्होंने कहा कि आज महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार ने कह दिया है कि हम सुरक्षा नहीं कर पाएंगे आप घर में बैठे। एक तरफ तो हमने देखा कि जो पहलवान है उन्हें उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा सिर्फ एफ आई आर दर्ज कराने के लिए। इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। सरकार ने अपने नेता को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी।

*इटावा*

मणिपुर हिंसा को लेकर पूर्व सांसद ने कहा कि वहां भी डबल इंजन की सरकार है लेकिन इसके बाद भी प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं बोला। अगर देश को सुरक्षा नहीं नौकरी नहीं शिक्षा कुछ नहीं बनेगा और जो एक न्यूनतम शासन है वह भी नहीं मिलेगा तो आंखें लोगों पर सरकार से क्या मिलेगा।
23 जून को विपक्ष की बैठक को लेकर पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने कहा 23 तारीख को एक महत्वपूर्ण में बैठक है निश्चित रूप से उससे तालमेल की बात निकल कर सामने आएगी और भाजपा को कैसे हराया जा सकता है उस रणनीति की शुरुआत हो जाएगी। अलग अलग राज्य में अलग अलग पंक्तियां हैं तो उस तरीके से ही चुनावी गठबंधन किया जाएगा।

लव जिहाद को लेकर पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने कहा खिलाफ जांच के मामले जब से भाजपा आई है तभी से आ रहे हैं। हमने तो कभी ऐसे मामले ना देखे ना सुने लोग शादियां करते हैं लोग अंतरजातीय दवा भी करते हैं लोग प्रेम विभागीय करते हैं लोग दूसरे धर्मों में भी शादी करते हैं तो यह तो एक प्रेम की बात है एक संबंध बनाने की बात है लेकिन अगर आप इसको बुरा कहते हैं नफरत चलाते हो झूठ फैलाते हो। उत्तराखंड में भी एक ऐसा ही मामला आया था सामने जिसमें यह कहा गया था कि मुस्लिम लड़का हिंदू लड़की को भगा रहा है लेकिन बाद में उस में सामने आया कि वह हिंदू ही लड़का था। उसका दोस्त मुसलमान था जो कि उनकी मदद कर रहा था। उसके पीछे आपने लोगों की दुकानें जला दी आप सरकार चला रहे हैं या गृह युद्ध प्रांतों में कर रहे हैं, यह उनसे पूछना चाहिए। यह ठीक है सब आपके आने के बाद ही क्यों शुरू हुई है।

यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट को लेकर गए सुभाषिनी अली ने कहा यूनिफॉर्म सिविल की बात आज से नहीं जब से संविधान बना है तब से हो रही है। तब से हम लोग कह रहे हैं कि आपको न्याय की बात करनी चाहिए आपने आए थे न कि नहीं यह बताइए हर धर्म के अंदर महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए। यह सभी धर्म के अगर लोग तैयार हैं तो अच्छी बात है। पहले आप बताइए कि आप क्या करना चाहते हैं आपका क्या मसौदा है।

नेहरू संग्रहालय और मध्यप्रदेश में पार्क के नाम बदलने को लेकर सुभाषिनी अली ने कहा यह सरकार कुछ भी कर सकती है। *जब जिंदा रहने पर अपने नाम पर स्टेडियम का नाम रख सकते हैं तो ये कुछ भी कर सकते हैं।*

*कुलदीप कुमार ANI*

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