सैफई पीजीआई के रेडियोलॉजी विभाग में घुसी विस्ख़ापर देख मचा हड़कंप, सर्पमित्र ने किया रेस्क्यू
सैफई पीजीआई के रेडियोलॉजी विभाग में घुसी विस्ख़ापर देख मचा हड़कंप, सर्पमित्र ने किया रेस्क्य
इटावा। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान संस्थान (यूपीयूएमएस) सैफई, इटावा के रेडियोलॉजी विभाग की एक्सरे मशीन के नीचे एक 3 फीट लम्बी विस्खांपर अचानक कहीं से घुस आई जिसे देखकर वहां काम करने वाले स्टाफ के कर्मचारी बेहद डर गए। तब विभाग इंचार्ज डॉ विमला ने वन विभाग सैफई से संपर्क किया जिसके बाद वन दरोगा एस एन पाण्डेय के साथ जनपद में कई वन्यजीवों का सुरक्षित रेस्क्यू कर प्रकृति संरक्षण के साथ आपदा प्रबंधन का कार्य कर रहे वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी मौके पर पहुंचे और मात्र 5 मिनट में ही उस विस्खापर (मॉनिटर लिजार्ड) को सुरक्षित पकड़ कर सामाजिक वानिकी विभाग के वन दरोगा,सैंफई एस एन पाण्डेय की उपस्थिति में उसके प्राकृत वास में ले जाकर बिना किसी नुकसान पहुंचाए छोड़ दिया।
यूपीयूएमएस इटावा में रेडियोलॉजी विभाग की इंचार्ज डॉ विमला सहित समस्त स्टाफ नरेंद्र,अभिषेक,संतोष कुमार,प्रमोद कुमार,हरपाल सिंह ने मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कॉर्डिनेटर वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी का सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस विस्खापर के डर की वजह से उनके स्टाफ को कार्य करने में बाधा उत्पन्न हो रही थी लेकिन अब हम सभी डॉ आशीष के द्वारा रेस्क्यू करने के बाद बिलकुल ही भय मुक्त हो गए है।
डॉ आशीष त्रिपाठी ने सभी को जानकारी देते हुए कहा कि,आजकल अत्यधिक भीषण गर्मी पड़ने के कारण ही ये वन्यजीव बैचेन हो रहे है। क्यों कि अधिक गर्म तापमान और भोजन की कमी भी इन रेंगने वाले विभिन्न वन्यजीवों को अधिक विचलित कर रही है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि, यह विस्ख़ापर बस देखने मे ही डरावनी लगती है लेकिन यह एक नितांत विषहीन प्राणी है जो कि भारतीय वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत यह एक संरक्षित प्राणी घोषित है । इसके अंदर किसी प्रकार का कोई जहर भी नही पाया जाता है लेकिन यदि कभी यह गलती से किसी को भी काट ले इसकी ओरोफेरेंजीयल कैविटी में खतरनाक बैक्टीरिया मौजूद होने की वजह से काटने के बाद इलाज में लापरवाही करने से त्वचा में सिर्फ गैंगरीन (गलाव) ही हो सकता है किसी की मृत्यु नहीं होती है इसलिए किसी को भी घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है बल्कि काटे गए स्थान को अच्छी तरह से डिटोल से साफ करके कोई एंटीसेप्टिक क्रीम उस जगह पर लगा लेनी चाहिए बाकी यह एक बेहद ही शर्मिला वन्यजीव है जो मनुष्यों को देखकर स्वयं ही कहीं न कहीं डरकर छिप जाता है। आजकल इनके इनके प्राकृतवास में आसपास बड़े पेड़ पौधे न होने या अत्यधिक गर्मी की वजह से भी ये अक्सर घरों में ठंडक की वजह से घुस आते है। उन्होंने अनुरोध किया कि अतः आप लोग वेवजह ही विस्ख़ापर से बिल्कुल भी न डरें। इसे मारने या नुकसान पहुंचाने पर वन्यजीव अधिनियम के तहत सुसंगत धारा के अंतर्गत कठोर कार्यवाही व जुर्माने का भी प्रावधान भी है।
विदित हो कि, डॉ आशीष त्रिपाठी पिछले कई वर्षों से इटावा जनपद में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये स्कूलों कालेजों में छात्र छात्राओं के बीच जाकर विशेष सर्पदंश जागरूकता अभियान भी चला रहे है। जिसका बड़ा असर यह हुआ है कि, कई प्रकार के वन्यजीवों को अब जीवनदान मिल रहा है व संस्था ओशन के द्वारा लगातार की जा रही जन जागरूकता के कारण लोगो ने वन्यजीवों को अब मारना ही छोड़ दिया है। सफल रेस्क्यू में सहयोगी के रूप समाजसेवी मोहित दुबे भी मौजूद रहे।
एक विनम्र निवेदन🙏- कृपया अपने आसपास मौजूद सभी बेजुबान वन्यजीवों पर दया करें उनकी रक्षा अवश्य करें क्यों कि,प्रकृति में इन सब जीवों की उपस्थिति भी हमारी आपकी तरह ही बेहद ही महत्वपूर्ण है। ये भी ईश्वर की ही एक सुंदर रचना हैं।
निवेदक – सर्पमित्र डॉ आशीष
महासचिव (ओशन)
ब्राण्ड एम्बेसडर (पर्यावरण,वन्यजीव)
नगर पालिका परिषद, इटावा
सम्पर्क सूत्र – 7017204213