काम से निकाला तो मालिक को लूटने की योजना बनाई
काम से निकाला तो मालिक को लूटने की योजना बनाई
दारोगा-इंस्पेक्टर संग मिलकर 50 लाख चांदी लूटी; दो दिन बाद बंटवारा होना था, 6 गिरफ्तार
रिपोर्ट – आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता
औरैया। औरैया जिले में सर्राफा व्यापारी से लूट मामले का खुलासा हुआ है। व्यापारी के पूर्व कर्मचारी ने ही मालिक को लूटने की साजिश रची। इसके लिए उसने अपने तीन साथियों और भोगनीपुर के तीन पुलिसकर्मियों का सहयोग लिया। तीन दिन पहल बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर फर्जी चेकिंग के दौरान पुलिसकर्मियों ने चांदी लूटी। इसके बाद साथ में थाने लेक गए।चांदी का बंटवारा दो दिन बाद होना था। लेकिन इसके पहले ही सभी आरोपी धरे गए। हालांकि इस लूटकांड में शामिल हेड कॉन्स्टेबल अभी भी फरार है। कानपुर देहात व औरैया जनपद की पुलिस ने देर रात भोगनीपुर कोतवाली में छापा मारकर इंस्पेक्टर के आवास से लूटी हुई 50 किलो चांदी भी बरामद कर ली। औरैया एसपी चारू निगम ने कहा कि पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के लिए एसपी कानपुर देहात को पत्र लिखा गया है।एसपी ने बताया, FIR की कॉपी के मुताबिक, बांदा के रहने वाले सर्राफा व्यापारी मनीष सोनी उर्फ सागर 6 जून को अपनी क्रेटा कार बांदा से औरेया जा रहे थे। उनके साथ मामा का लड़का रवि सोनी और भाभी सोनाली सोनी और उनकी बेटी अशी थी। वह बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे से जा रहे थे। गाड़ी ड्राइवर जगनन्दन पाल चला रहा था। औरैया जनपद में एंट्री करते ही दोपहर 2:30 से 2:45 बजे के बीच एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी के पास खड़े चार लोगों ने हाथ देकर गाड़ी रुकवा ली।पीड़ित के मुताबिक, इसमें से दो व्यक्ति सादे कपड़े पहने थे, जबकि एक व्यक्ति दरोगा की वर्दी पहने था और पिस्टल लगाए था। एक सिपाही की वर्दी पहने था। कॉन्स्टेबल के हाथ में कार्बाइन थी। इन कथित पुलिसकर्मियों ने दो नंबर की चांदी की जानकारी होने पर फर्जी चेकिंग की थी। जब व्यापारी ने सही कागजात नहीं दिखाए तो सभी को डराया धमकाया। इसके बाद गाड़ी में रखे दो बैग, जिसमें चांदी के 30 टुकड़े थे। सभी को अपने साथ लेकर गए। फिर सभी को छोड़ दिया। सिर्फ मनीष के ड्राइवर को अपनी स्कॉर्पियो में बैठाकर किसी सूनसान जगह ले जाकर छोड़ दिया, फिर खुद भाग निकले।एसपी ने बताया, ड्राइवर ने व्यापारी मनीष को बताया था कि एक्सप्रेस वे पर पेट्रोल पंप पर तेल डलवाने के बाद स्कॉर्पियो औरैया की तरफ चली गई थी। इस घटना के 8 घंटे बाद रात करीब 8 बजे पीड़ित मनीष ने कोतवाली को सूचित किया। पुलिस सक्रिय हुई। आस पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, तो उसमें स्कॉर्पियो देखा गया। मामले के खुलासे के लिए 8 टीमों का गठन किया गया। इसमें साइबर, सर्विलांस, एसओजी की टीम बनाकर अलग-अलग जगह से डाटा इकट्ठा किया गया। थाने की भी चार टीमें लगाई गई थीं।लगभग 24 घंटे के अंदर पांच लोगों के नंबर निकाले गए। उनके पीछे मुखबिर लगाए गए। गुरुवार सुबह सूचना मिली कि लूटी हुई चांदी को भोगनीपुर में रखा गया है। इसमें जमीलुद्दीन, संजय चकवा, रफत खान और राकेश चोरी के नाम सामने आए। मुखबिर ने बताया कि ये लोग स्कॉर्पियो से औरैया से भोगनीपुर की तरफ जा रहे हैं। पुलिस ने कथित जगह पर छापेमारी कर इन लोगों को पकड़ लिया। इनसे पूछताछ के बाद भोगनीपुर पुलिस का नाम सामने आया। एक आरोपी ने कहा कि चांदी को थाने पर प्रभारी निरीक्षक ने रखवाया है। जानकारी होने के बाद कानपुर देहात के एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति संपर्क किया गया। हमारी भी टीम रात में ही थाने पर पहुंची और पूछताछ की। दारोगा चिंतन कौशिक थाने पर ही थे। वह पहली बार में ही पकड़े गए। उन्होंने सब कुछ कुबूल लिया।एसपी चारू निगम ने खुलासा किया कि संजय चिकवा उर्फ संजय टोपी करीब आठ महीने पहले मनीष सोनी की ज्वैलर्स की दुकान में काम करता था। ये पहले से ही मनीष की दुकान पर गलत नजर रखता था। इसकी संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी होने पर मनीष सोनी ने उसे निकाल दिया था, इसलिए वह बेरोजगार हो गया था। संजय को मनीष सोनी की सभी गतिविधियों के बारे में जानकारी थी। इसने अपने दोस्त रफत के साथ मिलकर मनीष सोनी का माल रास्ते में लूटने की योजना बनाई। इसके बाद अपने दोस्त जमालुद्दीन पठान उर्फ जमील शेख को पूरी बात बताई।जमालुद्दीन ने भोगनीपुर थाने के कोतवाल अजय पाल कठेरिया व दारोगा चिन्तन कौशिक से अच्छे सम्बन्ध होने का हवाला दिया। दरअसल, अजय पाल कठेरिया पहले झांसी जिले में तैनात थे, इसलिये जमालुद्दीन से पहले से ही परिचित थे। जमालुद्दीन ने इंस्पेक्टर अजय पाल कठेरिया के साथ मिलकर इस लूटकांड को अंजाम देने का खाका तैयार किया। पुलिस वालों को घटना में शामिल करते हुए स्कॉर्पियो और कार से अपने साथी ताजुद्दीन उर्फ बहु, राकेश कुमार, जमालुद्दीन, रफत, दरोगा चिन्तन कौशिक व दीवान रामशंकर यादव के साथ मिलकर भोगनीपुर कोतवाल अजय पाल कठेरिया द्वारा बनाई गई योजना के तहत लूट की।आरोपी ने बताया कि, मनीष को लूटने के बाद ड्राइवर जगनन्दन को अपनी स्कॉर्पियो में बैठाया। इसमें दारोगा चिन्तन कौशिक व दीवान रामशंकर और दो अन्य लोग थे। साईं मंदिर के सामने पेट्रोल पम्प पर एक हजार रुपये का तेल भरवाने के बाद वहीं से चिन्तन दारोगा ने अजय पाल कठेरिया इंस्पेक्टर से फोन से बात की। इसके कुछ देर बाद जगनन्दन को मारपीट कर उतार दिया। फिर चांदी को ले जाकर इंस्पेक्टर के आवास पर रख दिया।बता दें कि तीन पुलिसकर्मियों के अलावा चार और लोगों को पुलिस ने पकड़ा है। इसमें प्रभारी निरीक्षक अजय पाल सिंह कठेरिया, दारोगा चिन्तन कौशिक, हेड कॉन्स्टेबल रमाशंकर, जमालुद्दीन पठान उर्फ जमील शेख, संजय चिकवा उर्फ संजय टोपी, फल खान और राकेश निवासी हमीरपुर शामिल हैं।आरोपी के मुताबिक, चांदी को दो दिन रखने के बाद इंस्पेक्टर अजय पाल कठेरिया ने कहा था कि दो दिन बाद बंटवारा होगा, क्योंकि सुनने में आया है कि व्यापारी ने औरैया कोतवाली में रिपोर्ट लिखा दी है। इसलिए इस माल को थाने से हटाकर के चिन्तन कौशिक दारोगा को दे दिया गया, ताकि सुरक्षित रखा। मामला शांत होने पर बंटवारा किया जायेगा।