चीन में आर्थिक गतिविधियां अचानक हुई सुस्त, क्या दुनिया को भ्रमित कर रहा हैं ड्रैगन

चीन में सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। जीरो कोविड नीति के कारण देश में आर्थिक गतिविधियां सुस्त हैं। इस कारण खास कर प्रांतीय और स्थानीय सरकारों का राजस्व घटा है।

 बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक चीन में गैर-वित्तीय क्षेत्र पर कर्ज की मात्रा 51.87 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। यह चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से 295 प्रतिशत अधिक है।

आखिर में चीन पर कर्ज की मात्रा ऊंचे स्तर पर पहुंची थी। अब यह उससे भी अधिक हो गई है। इस संस्थान का कहना है कि हालांकि महामारी कर्ज बढ़ने का एक बड़ा कारण रही, चीन की दूरगामी संभावनाएं भी बेहतर नजर नहीं आ रही हैं।  घटती आबादी के साथ सरकार पर सामाजिक सुरक्षा का खर्च बढ़ता जाएगा, जिसके लिए संसाधन उसे कर्ज लेकर जुटाने होंगे।

देश के अलग-अलग शहरों में बार-बार लगने वाले लॉकडाउन का चीन की अर्थव्यवस्था पर बहुत खराब असर हुआ है। इस साल अप्रैल से जून की तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर सिर्फ 0.4 प्रतिशत रही।  इस वर्ष उसे 57 बिलियन डॉलर का नया कर्ज लेना पड़ेगा।

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