उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस के प्रति बदला अखिलेश यादव का रुख, क्या सच में करेंगे गठबंधन ?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों ने अपने सियासी अभियान भी तेज कर दिए हैं. लखीमपुर हिंसा से कांग्रेस को सियासी संजीवनी मिली तो प्रियंका गांधी सूबे में चिमटा गाड़ कर बैठ गईं हैं.

लखीमपुर की घटना के बाद वारणसी में प्रियंका गांधी के सियासी तेवर और कांग्रेस की ‘किसान न्याय रैली’ में उमड़ी भीड़ से सिर्फ सत्तारुढ़ बीजेपी की ही नहीं बल्कि विपक्षी दल भी अपने-अपने नफा और नुकसान तौलने में जुट गए हैं.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रविवार को जिस समय वाराणसी से पूर्वांचल में चुनावी हुंकार भर रही थीं उसी दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहारनपुर के तीतरो से पश्चिम यूपी को साधने की कवायद में जुटे थे.

अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए आवश्‍यकता पड़ी तो पार्टी गठबंधन भी करेगी, लेकिन गठबंधन अपनी शर्तों पर होगा और पार्टी कार्यकर्ताओं का ध्‍यान रखा जाएगा.

 

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