अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही पाकिस्तान ने दिखाया अपना असली रंग
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही पाकिस्तान अब अपने असली रंग में आता दिख रहा है. अफगानिस्तान से हथियारों के जखीरे को अब धीरे-धीरे पाकिस्तान पहुंचाया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक हथियारों से भरे ट्रक और भारी हथियार अफगानिस्तान आईएसआई से पाकिस्तान आईएसआई की ओर जाते देखे गए हैं. सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक 16 अगस्त के बाद से सैकड़ों की संख्या में हथियारों से भरे ट्रक अफगानिस्तान पाकिस्तान की सीमा पर पाकिस्तानी चेक पोस्ट को क्रॉस कर पाकिस्तान की ओर गए हैं.
माना जा रहा है कि तालिबान का अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा हो जाने के बाद अब आईएसआईका मिशन अफगानिस्तान पूरा हो चुका है. यही वजह है कि पाकिस्तान ने तालिबान की मदद के लिए जो हथियार उपलब्ध करवाए थे. वे अब वापस पाकिस्तान पहुंचाए जा रहे हैं.
भारतीय खुफिया एजेंसियो ने पहले भी इस बात की आशंका जताई थी कि तालिबान को पाकिस्तान की आईएसआई की ओर से पूरी मदद मिल रही है. आईएसआईउन तालिबानियों को अफगानी सुरक्षा बलों पर हमले के लिए तैयार कर रही थी. यही नहीं, पाकिस्तान से जैश और लश्कर के 8 हजार से भी ज्यादा आतंकियों की मूवमेंट अफगानिस्तान की तरफ जाते देखी गई थी. उन्होंने तालिबान के साथ मिलकर अफगानी सुरक्षा बलों पर हमले किए और अनेक इलाकों पर कब्जा कर लिया.
तालिबान ने जिस तरीके से बेहद कम समय में काबुल तक पहुंच बनाई. उसे लेकर दुनिया हैरान है. जाहिर है पाकिस्तान की मदद के बिना तालिबान के लिए अफगानिस्तान पर कब्जा आसान नहीं था. देखा जाए तो तालिबान के खिलाफ लड़ाई में कई जगहों पर अफगानी सुरक्षा बलों ने बिना लड़े ही तालिबानियों के सामने सरेंडर कर दिया और अपने हथियारों को तालिबान को दे दिया.
दुनिया भर के सुरक्षा जानकार इस बात को लेकर परेशान हैं कि मेड इन अमेरिका के ये हथियार कहीं दुनिया के लिए खतरा न बन जाये. सबसे ज्यादा चिंता इस बात को भी लेकर है कि कहीं आईएसआई इन हथियारों का इस्तेमाल कश्मीर में पाकिस्तान परस्त आतंकियों तक मुहैया न करा दे. पिछले कुछ सालों में जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए कुछ आतंकियों के पास से अमेरिकन मेड हथियार बरामद हो चुके हैं.
सुरक्षा एजेंसियों ने पहले भी इस बात की आशंका जाहिर की थी कि ये हथियार अफगानिस्तान से कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक पहुंचाए जा रहे हैं. ऐसे में अब हजारों की संख्या में अमेरिकन असॉल्ट राइफल ,ग्रेनेड और कई सर्विलांस सिस्टम तालिबान के हाथ लग चुके हैं. जिनके भारत के खिलाफ इस्तेमाल होने का खतरा बना हुआ है. इसे देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां पहले से ज्यादा अलर्ट हो गई हैं और लगातार पाकिस्तान के आतंकी इरादों पर नजर बनाए हुए हैं.