रायबरेली में तीन नाबालिग बहनों की मौत से मचा हडकम्प लईया – चना पर गहराया शक

रायबरेली में तीन नाबालिग बहनों की मौत सेहड़कंप मच गया है। कहा जा रहा है कि दशहरे के दिन तीनों बहनों ने बाजार से खरीद कर लाई गई लईया और नमकीन खाई थी। उन्‍हें गंभीर अवस्था में जिला मुख्यालय के निजी अस्पताल भर्ती कराया गया था। रविवार की सुबह वहां तीसरी बेटी विधि की भी मौत हो गई है। घटना में जांच के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। उधर, दो बहनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।

ज्ञात हो कि क्षेत्र के गांव मिर्जा इनातुल्लापुर (पट्टी) निवासी नवीन कुमार सिंह दशहरा के दिन जमुनापुर बाजार से लईया , नमकीन व बिस्कुट खरीदकर लाए थे । जिसे शनिवार की सुबह उनकी बेटियों परी (9 वर्ष ) , विधि(7वर्ष ) और पीहू (5वर्ष ) ने खाया था। नाश्ते में लईया, नमकीन व बिस्कुट खाने के बाद तीनों बेटियों को उल्टियां होने लगी । जिन्हे अस्पताल ले जाया गया था। जहां पर पहले परी फिर पीहू की मौत हो गई थी , जबकि विधि का जिला मुख्यालय स्थित एक निजी चिकित्सालय में इलाज चल रहा था । किन्तु रविवार की सुबह विधि की भी मौत हो गई । परी और पीहू के शव का शनिवार को ही पोस्ट मार्टम कराया गया था । किन्तु पोस्ट मार्टम में उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है । इसलिए जांच के लिए बिसरा सुरक्षित किया गया है । जबकि रविवार को हुई विधि के शव का पोस्ट मार्टम कराया जा रहा है । कोतवाल शिव शंकर सिंह ने बताया कि अभी तक मामले में संदेह बना हुआ है । मामले के सभी बिंदुओं की जांच की जा रही है । पोस्ट मार्टम रिपोर्ट का भी परीक्षण किया जा रहा है।

 

पूरे परिवार ने खाई थी लईया नमकीन

पुलिस ने जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है । नवीन सिंह दशहरा के दिन जब बाजार से लईया , नमकीन और बिस्कुट लाए थे तो उसी दिन शाम को उनकी पत्नी बबिता , खुद नवीन और उनके सबसे छोटे मासूम बेटे ने तीनों बेटियों के संग इसे खाया था। उसके बाद सब लोग सो गए थे । उस समय किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई थी । जबकि सुबह केवल तीन बेटियों ने ही उपरोक्त खाद्य सामग्री को पुनः नाश्ते में खाया तो तीनों की हालत खराब हो गई और एक एक करके तीनों मासूम बेटियों की मौत हो गई है । साथ ही यह भी चौंकाने वाली बात सामने आई है कि जिस दुकानदार के यहां से नवीन ने लईया , नमकीन व बिस्कुट खरीदा था , उसी दुकानदार के यहां से अन्य लोगों ने भी यह समान खरीदा था । किन्तु कहीं भी कोई समस्या सामने नहीं आई है ।

रात में ही कैसे जहरीली हो गई लईया और, नमकीन

जब शाम को सभी ने मिलकर लईया , नमकीन खाया था तो उस समय सब ठीक था । परिवार में किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई थी । जबकि सुबह जब तीन बहनों ने मिलकर नमकीन बिस्कुट व लईया को खाया तो वह जहरीली हो गई थी । जिससे तीनों मासूम बच्चियों की मौत हो गई है । यह बात कोई सहज स्वीकार नहीं कर रहा है । पुलिस भी इसी विंदू पर गहराई के साथ जांच कर रही है और दुकानदार के साथ साथ परिजन भी संदेह के घेरे में है ।

सुबह बेटियों संग बेटे को क्यों नहीं दी गई लईया-नमकीन

पुलिस इस बात की भी जानकारी एकत्र करने की कोशिश कर रही है कि सुबह जब तीन बड़ी बहनों को लईया , नमकीन और बिस्कुट नाश्ते में दिया गया तो सबसे छोटे बेटे को नाश्ते में यह समान क्यों नहीं दिया गया है । केवल बेटियों को नाश्ता देना और एक एक करके उनकी मौत ने पूरे मामले को पेचीदा बना दिया है । पुलिस के उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रहे है ।

चोरी छिपे क्यों दफनाया गया शव

मामले में सबसे बड़ा संदेह इस बात पर खड़ा हो रहा है कि बेटियों की मौत के बाद स्वजनों ने चुपचाप शवों का गंगा तट पर अंतिम संस्कार कर दिया था । मामले की जानकारी होने पर जिला प्रशासन ने शवों को खोदवाया है और उनका पोस्ट मार्टम करवाया गया है । पुलिस परिजनों से इस बात की भी जानकारी कर रही है कि चुपचाप शवों के अंतिम संस्कार के पीछे कारण क्या था ?

शाम से सुबह तक घर परआने जाने वालों पर भी है संदेह

पुलिस इस बात की जानकारी जुटा रही है कि शाम को लईया , नमकीन व बिस्कुट लाने के बाद नवीन सिंह के घर में कौन कौन व्यक्ति आया था । यह भी संभव है कि किसी ने इसमें कुछ मिला दिया हो , जिससे यह खाद्य सामग्री जहरीली हो गई हो । दूसरी ओर यह भी अनुमान लगाया जाता है कि कहीं किसी जहरीले जंतु ने तो लईया , नमकीन व बिस्कुट खाया हो , जिससे यह जहरीला हो गया हो । फिलहाल पूरे मामले की जांच चल रही है। गांव में घटना को लेकर तरह तरह की चर्चाएं भी है । परिवार में कोहराम मचा हुआ है । एक ही घर में एक साथ तीन मासूम बेटियों की मौत ने पूरे गांव सदमे का माहौल है।

ऊंचाहार (रायबरेली) जिनके कंधों पर कोरोना महामारी के विरुद्ध लड़ने की जिम्मेदारी है , यहां वही लापरवाह बने हुए है । यही नहीं बात गाइडलाइन की किया जाता है कि बड़ा बेतुका जवाब भी दिया जाता है । मामला ऊंचाहार सीएचसी के वैक्सीनेशन कक्ष का है । जहां पर सारा काम बिना मास्क व सिनेटाईजर के किया जाता है।लखनऊ प्रयागराज राजमार्ग के किनारे ऊंचाहार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के वैक्सिनेशन कक्ष में जमा भीड़ और बिना मास्क के लोगों को देखने पर से ही पता चलता है कि जिम्मेदार कितने सजग है ? सीएचसी के वैक्सीनेशन कक्ष में कर्मचारी बिना मास्क लगाए पूरे कार्य को अंजाम देते है ।

यही नहीं यहां रोज भारी भीड़ जमा होती है । किन्तु किसी को भी मास्क लगाने तक को नहीं कहा जाता है । शनिवार को क्षेत्र के लोगोंने इस बात को लेकर स्वास्थ कर्मचारियों से आपत्ति की तो पूरा स्टाफ उनसे उलझ गया । मामला सीएचसी अधीक्षक डॉ एम के शर्मा तक पहुंचा तो उन्होंने बड़ा अजीब साजवाब दिया है । अधीक्षक का कहना था कि पूरे बाजार में लोग बिना मास्क के घूम रहे है । सरकार मेला व पूजा करवा रही है । जब उनको मास्क के लिए नहीं कहा जाता तो हमको क्यों कहा जाता है । अस्पताल में सभी नियमों का पालन किया जाता है।

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