इटावा खुले आसमान के नीचे आज भी आशियाना गरीबे जय नारायण का

(डॉ0एस0बी0एस0 चौहान)

चकरनगर/इटावा। उत्तर प्रदेश के लिए उपहारों की पोटली खोलने के लिए आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जितने भरोसे के साथ योगी सरकार की पीठ थपथपा रहे थे, उसी के समानांतर बिना किसी का नाम लिए विपक्षियों को आईना भी दिखाते रहे। उन्होंने यहां आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार और प्रदेश के नगर विकास विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रस्तरीय न्यू अरबन इंडिया कान्फ्रेंस का शुभारंभ किया। देश-प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं के विकास का जिक्र करने के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के 75 हजार लाभार्थियों को आवासों की चाबी वर्चुअल हस्तांतरित की। इतना सब के बावजूद भी कुछ ऐसे पात्र व्यक्ति कि जो आवास के लिए बाट जोहते जोहते बूढ़े हो चले हैं लेकिन उन्हें आवास की सुविधा स्थानीय जिम्मेदार अधिकारियों की चलते लापरवाही नहीं प्राप्त हो सकी। इसी कड़ी में जय नारायण बढ़ाई व मुन्नी देवी निवासी गौहानी जिसके पास छोटे-छोटे बच्चे और परिवार भी है जो तेज चलती लपटों और शीत लहरों के चलने पर भी खुले आसमान के तले ही अपने परिवार का आशियाना खुले आसमान के नीचे ही तले बरकरार है। मुन्नी देवी ने बताया एक हमारे प्रार्थना पत्र पर संज्ञान लेते हुए तत्कालीन उप जिलाधिकारी इंद्रजीत सिंह आईएएस हमारे मकान पर आए और उन्होंने देखा तो काफी उन्हें पछतावा हुआ और उन्होंने स्थानीय खंड विकास अधिकारी और संबंधित लोगों को काफी लताड़ जमाते हुए स्पष्ट आदेश दिए कि आवास प्रार्थी को तत्काल उपलब्ध कराया जाए लेकिन उनके जाने के बाद सारी कार्यवाही ठंडे बस्ते में दब गई और 75000 लाभार्थियों को आवास मिले लेकिन जय नारायण और मुन्नी देवी का नाम इसमें से भी छूटा रहा। कुछ लोगों ने तो यहां तक बताया कि थैली पाने के लिए थैले का मुंह खोलना पड़ता है जय नारायण के पास जब पैसा लगाने को और रिश्वत देने को नहीं है तो इन्हें न तो आवास आज मिला और ना ही जीवन में कभी मिलेगा यूं ही खुले आसमान के तले अपना जीवन यापन करते हुए वंश अनुयायियों को भी करना पड़ेगा?

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