श्रीराम को मिला 14 वर्ष का वनबास , दशरथ ने पुत्र वियोग में त्यागे प्राण
*कहारों द्वारा विमान तालाब मंदिर ले जाए जाने के साथ रामलीला शुरू
Madhav SandeshOctober 4, 2024
फोटो :- जसवंत नगर की रामलीला में पहले दिन राम बनवास की लीला आरंभ होने से पहले नगर में विमान पर सवार हो तालाब मंदिर जाते राम, लक्ष्मण, सीता
_____
जसवन्त नगर(इटावा)। यहां के ऐतिहासिक व विश्व पटल पर अपनी छवि बना चुकी मैदानी रामलीला में शुक्रवार से विधिवत लीलाएं आरंभ हो गईं।
राम वनबास की लीला के लिए भगवान राम ,लक्ष्मण, सीता, भरत ,शत्रुघ्न को राजसी वस्त्रों में विमान(डोले)पर सवार कराकर कहारों द्वारा नृसिंह मंदिर से लीला स्थल तालाब मंदिर पर परंपरागत रूप से ले जाया गया।
लगभग 1 वर्ष के अंतराल के बाद भगवान राम आदि के विमान पर सवार होकर नगर की सड़कों पर निकलने से लोग धर्म और विश्वाश की भावना में डूब गये ।हर कोई उन्हें नमन कर रहा था, कई श्रद्धालुओं ने उनकी आरती उतारी।
तालाब मंदिर पर लीलाओं का शुभारंभ राजा दशरथ द्वारा राम का राज्याभिषेक करने की घोषणा, तदोपरांत मंथरा द्वारा माता कैकेई के कान भरे जाने के बाद रामचरित्र का कथानक आरंभ हुआ।
माता कैकेई ने राजा दशरथ से प्रभु श्रीराम को 14 वर्ष का वनबास एवं भरत के लिए राजगद्दी की इच्छा और मांग जताते दो वरदान मांगे। बचनबद्ध होने के कारण राजा दशरथ को कैकेई की दोनों इच्छाओं को पूरा करना पड़ा ,लेकिन जब श्रीराम वन को चले, तो उनके साथ माता सीता व अनुज लक्ष्मण भी साथ में वन को चले गए ।
इधर राजा दशरथ ने जब अपने प्रिय पुत्र को माता सीता व भ्राता लक्ष्मण सहित अयोध्या छोड़कर वन जाते देखा, तो उनसे यह असहनीय पीड़ा सहन न हुई और उन्होंने पुत्र वियोग में अपने प्राण त्याग दिए।
गंगा नदी के तट पर पहुंचने पर श्रीराम ने केवट से नदी पार कराने का आग्रह किया तो केवट ने अपनी समस्या बताते हुए प्रभु से निवेदन किया कि प्रभु मैं आपको नदी तो पार करा दूंगा किन्तु मुझे डर है कि यदि कहीं आपके श्रीचरणों की धूल से मेरी नाव कहीं नारी बन गयी तो मैं अपनी जीविका कैसे चलूंगा क्योंकि मेरे जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन मेरी नाव ही है। और फिर केवट ने पहले प्रभु श्रीराम के पैर धोए उसके बाद ही प्रभु को सरयू पार कराया।
इस वर्ष भी पंडित रामकृष्ण दुबे, उमेश नारायण चौधरी व्यास की भूमिका में थे, जबकि पंडित आदित्य कटारे (राम)गोपाल वाजपेई (लक्ष्मण),आदित्य मिश्रा (सीता),प्रशांत पाठक (भरत), पार्थ अग्निहोत्री (शत्रुघ्न), की भूमिका में रहे। पंडित बालकृष्ण दुबे वशिष्ठ बने। लीला के अन्य सभी पात्र स्थानीय युवक थे ,जिन्होंने राम वनवास की लीला का मार्मिक प्रदर्शन किया।
तालाब मंदिर पर राम वनवास की लीला देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे।
रामलीला समिति के प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू, संयोजक/उपप्रबंधक अजेंद्र सिंह गौर, व्यवस्थापक विवेक रतन पाण्डेय, निखिल गुप्ता, तरुण मिश्रा, श्रेयस , प्रभाकर दुवे आदि उपस्थित रहे।
_____
फोटो :- जसवंत नगर की रामलीला में पहले दिन राम बनवास की लीला आरंभ होने से पहले नगर में विमान पर सवार हो तालाब मंदिर जाते राम, लक्ष्मण, सीता
______
Madhav SandeshOctober 4, 2024