देखि सुदामा की दीन-दशा करुणा करके करुणा निधि रोए 

  *केला देवी मंदिर भागवत कथा का समापन

      फोटो:- प्रवचन करते संजय कुमार मधुकर
जसवंतनगर(इटावा)। नगर की आराध्यदेवी स्थली केला त्रिगमा देवी मंदिर पर पिछली 24 फरवरी से चल रही श्रीमद्भागवत कथा का शुक्रवार को समापन हो गया।
     अंतिम दिन सुदामा की कथा भागवद आचार्य संजय कुमार शास्त्री मधुकर द्वारा जब प्रस्तुत की गई ,तो  भागवत स्थल भाव विभोर हो उठा। कथा सुन रही महिलाएं तो सुदामा की हालत और कृष्ण  द्वारा उनके चरण धोने का प्रसंग सुनकर बिलख पड़ी।
          आयोजित इस मदभागवत सप्ताह में प्रवचन के लिए  पधारे फिरोजाबाद के सुप्रसिद्ध सरस कथा वाचक आचार्य पंडित संजय कुमार मधुकर ने अपने प्रवचनों में कहा कि भगवान कृष्ण और सुदामा की  दोस्ती बचपन में पढ़ते में हुई थी।
        अपने गूढ़ प्रवचनों से कथा श्रोताओं को उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण तो  द्वारिका के राजा बन गए, मगर सुदामा एक गरीब ब्राह्मण के रूप में अपना जीवन व्यतीत करते दो रोटी तक के लिए मोहताज था। उन्होंने बताया कि उसे उसकी पत्नी ने एक दिन जबरदस्ती राजा कृष्ण के यहां भेजा, जब भगवान कृष्ण को सुदामा के आने की खबर मिली तो वह स्वयं उसकी अगवानी करने पहुंचे और उसकी दीन दशा को देखकर खूब रोए थे।
     मधुकर शास्त्री ने कहा कि आज के जमानेमे लोग अपने दोस्तों को भूल जाते हैं, मगर भगवान कृष्ण ने सुदामा को नहीं भूलाया था। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण से प्रीत लगाने से जीवन में आए कष्ट स्वयं ही दूर होते हैं। सुदामा चरित्र के वर्णन के साथ ही एक सप्ताह से चल रही भागवत कथा का समापन हो गया। शनिवार को भंडारा होगा।
इस भागवत कथा में अवनीश कुमार यादव, विनय गुप्ता गोलू , मंगलेश यादव, आत्म कुमार कश्यप, गुंजन सक्सेना, अनुज कुमार कश्यप, ललित कुमार,विष्णु कुशवाहा,रानू सक्सेना, पप्पू यादव आदि विशेष सहयोग कर रहे हैं। परीक्षित के रूप में मंदिर के  पुजारी ने अंत में भागवत भगवान की पूजा अर्चना और आरती की।   
       
*वेदव्रत गुप्ता

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