सैंफई मेडिकल कॉलेज में आयोजित हुई कार्यशाला -ट्रीइमा एक्सेल एफेरेसिस मशीन व प्लेटलेटफेरेसिस विषय पर हुई चर्चा

 

इटावा। ट्रीइमा एक्सेल एफेरेसिस मशीन पर सिंगल डोनर प्लेटलेट प्रक्रिया के लिए अग्रिम तकनीक में रक्त और रक्त घटकों के तर्क संगत उपयोग पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन ब्लड बैंक विभाग के तत्वाधान में हुआ यह जानकारी ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की कार्यवाहक विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति कला भारती ने दी। उन्होंने बताया कि एफेरेसिस वह प्रक्रिया है जिसका उपयोग रक्त से प्लेटलेट व प्लाज्मा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में एक ही स्वस्थ रक्तदाता से छह यूनिट के बराबर प्लाज्मा, प्लेटलेट को अलग कर और लाल रक्त कणिकाओं को ट्रीइमा एक्सेल एफेरेसिस मशीन का उपयोग कर वापस रक्तदाता को लौटा दिया जाता है। डॉ. ज्योति ने रक्त बैंक में एफेरेसिस के फायदे और आवश्यकता के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी दी।

असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ यतेंद्र मोहन ने एफेरेसिस मशीन की तकनीकी और उन्नतशील प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अभय सिंह प्लास्मफेरेसिस पर व राहुल यादव सीनियर तकनीकी विशेषज्ञ ने विषय के संदर्भ में तकनीकी बिंदुओं के साथ विस्तृत जानकारी उपस्थित छात्र-छात्राओं, टेक्नीकल अधिकारियों व नर्सिंग अधिकारियों को प्रदान की। संचालन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्वेता चौधरी ने किया। कार्यशाला में तकनीकी अधिकारियों, नर्सिंग अधिकारियों और छात्र-छात्राओं उपस्थित रहे।

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