बसंतोत्सव समापन पर खटखटा बाबा कुटिया पर जुटा संत-महात्माओं का विराट कुंभ
* हजारों लोगों ने ग्रहण किया भंडारा *अशोक भट्टा वालों ने बांटे कंबल

फोटो:- खटखटा बाबा की कुटिया पर बसंत उत्सव के समापन पर आयोजित भंडारे में संत महात्मा प्रसाद ग्रहण करते हुए तथा उन्हें तिलक बंदन कर कंबल बांटते अशोक गुप्ता भट्टा वाले
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जसवंतनगर (इटावा)। नगर वासियों के आराध्य स्थल खटखटा बाबा की कुटिया पर पिछले 14 दिनों से चल रहा बसंतोत्सव महोत्सव बुधवार को साधुओं – महात्माओं के जुटे महाकुंभ और हजारों लोगों द्वारा भंडारा प्रसाद ग्रहण करने के साथ संपन्न हो गया
बसंतपंचमी पर्व के चलते आसपास के इलाकों और नगर के श्रद्धालु खटखटा बाबा की चौखट पर दस्तक देने पहुंचे और उनके दर्शन कर अपना जीवन धन्य किया।
उल्लेखनीय है कि खटखटा बाबा की कुटिया पर हर वर्ष बसंत उत्सव का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में इस वर्ष 1 फरवरी से कलश यात्रा के साथ यह आयोजन शुरू हुआ था। 2 फरवरी से लेकर 10 फरवरी तक श्री श्री 1008 राम बाबा कोकिल जी महाराज ने राम कथा के प्रवचन किए थे। इसके बाद दो दिन तक रासलीला का कार्यक्रम संपन्न हुआ था।
बुधवार को बसंत पंचमी के दिन महा प्रसाद और भंडारे का वितरण आयोजित था, जिसके लिए सवेरे से ही संत महात्माओं का जमावड़ा तालाब मंदिर क्षेत्र और सब्जी मंडी में होने लगा था। दोपहर 2 बजे संत महात्माओं को प्रसाद ग्रहण कराया गया ।
नगर के धनी मानी शख्सियत अशोक ईंट भट्ट वालों ने खटखटा बाबा कुटिया के महंत मोहन गिरी महाराज के संग चलते हुए दो हजार से ज्यादा संत महात्माओं का तिलक बंदन करते हुए उन्हें एक-एक कंबल प्रदान किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
संत महात्माओं के भंडारे के बाद आम जनजीवन को भंडारा वितरण शुरू हुआ ,जो देर रात तक जारी था और बड़ी संख्या में से श्रद्धालुगण भंडारे की व्यवस्था में जुटे हुए थे।
भंडारे की व्यवस्था में उप महंत हिमांश रॉय, विमल कुमार नीतू, सुमित शुक्ला, पंकज पुरवार,ओमपाल यादव, राजेंद्र दिवाकर, राजीव माथुर, कमलेश यादव,अनुभव यादव, उत्कर्ष गुप्ता ,अंकुर वर्मा अंकुर वर्मा, सौरभ तिवारी, साहिल कुमार, शिवस्वरूप झा, उमेश चंद्र यादव प्यारे, अवनीश कुमार, चुन्नू, पान वाले,चंचल गुप्ता, मधुर श्रीवास्तव, लकी गुप्ता, डॉक्टर बसंत पुरवार, शालू यादव, अनमोल दीक्षित,हर्षित गुप्ता, पूर्व चेयरमैन विमलेश यादव, विनीता जादौन अंतिम देवी, शकुंतला देवी, राम बेटी आदि तन्मयता से जुटे देखे गए।
__वेदव्रत गुप्ता