हज़रत दीन अली शाह का तीन दिवसीय उर्स सम्पन्न
इटावा। होटल चाणक्य के सामने स्थित हज़रत बाबा दीन अली शाह व मस्तान शाह रह.की दरगाह पर तीन दिवसीय 40वां उर्स मुबारक कुल शरीफ के बाद पूरा हुआ। कुल के समय श्रद्धालुओं ने देश की खुशहाली, तरक्की, अमनो अमान के वास्ते की दुआये। उर्स के आयोजक व दरगाह के खादिम मोहम्मद शाहिद वारसी ने बताया कि उर्स के मौके पर शहर के अलावा मुंबई, अलीगढ़, जयपुर आदि शहरों से जायरीनो ने आकार दरगाह शरीफ पर चादर पोशी कर मन्नत-मुरादे मांगी।
मोहम्मद आदिल, मोहम्मद अफज़ल, सुफियान, मोहम्मद शफी, अकरम अमीर, मोहम्मद दानिश, नसीम, मेहराज आदि मुरीद मौजूद रहे। उर्स के अंतिम दिन रात को मेहफिले सिमा में अनवर साबरी एंड पार्टी फिरोजाबाद ने कुछ इस तरह पढ़ा तू फैज़ का दरिया है तू रहमत ही रहमत है,जो कुछ भी मिला मुझको वो तेरी बदौलत है। मैं कौन हूँ और क्या हूँ क्या मेरी हकीकत है,कतरा ही सही लेकिन दरिया से तो निस्वत है। आदि कलाम पेश कर मेहफिल में बैठे लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया कब्बालों के शानदार कलाम सुन कर लोगों ने ख़ूब नज़राने भी दिये। मेहफिल में बैठे एहरामपोश आदि का उर्स के आयोजक श्री वारसी व वाईके शफी चिश्ती ने पीले रंग का साफा पहनाकर स्वागत भी किया। मेहफिले सिमा की महफ़िल का संचालन शायर रौनक इटावी ने किया। उर्स के दूसरे दिन ज़ोहर की नमाज़ के बाद शाहिद वारसी के घर से मज़ार शरीफ पर चादर पोशी की गई। रात को मेहफिले सिमा में कब्बालों ने एक के बाद एक शानदार कलाम पेश कर ख़ूब वाह वाही लूटी। अंतिम दिन सुबह 4 बजे मज़ार शरीफ का ग़ुस्ल हुआ और सुबह 9 बजे कुल शरीफ हुआ। इस मौके पर हाजी अब्दुल हन्नान चाँद मंसूरी, फईमुद्दीन मंसूरी गुड्डू वारसी, इन्तज़ार हसन कादरी, शुऐब वारसी, अरमान वारसी, हाजी अज़ीम वारसी मौजूद रहे।