पंचकल्याणक के तीसरे दिन निकली युवराज नेमीकुमार की भव्य बारात
*पशु पक्षियों को भूखा देख हो गया वैराग्य *गिरनार पर्वत को तपस्या के लिए रवाना*जसवंत नगर नगर इन दिनों पंचकल्याणक मय
EditorJanuary 30, 2024
फोटो:- पंचकल्याणक के तीसरे दिन जसवंत नगर में निकाली गई युवराज नेमी कुमार की बारात में मौजूद भगवान श्री कृष्ण तथा बड़ी संख्या में बाराती तथा पिछली रात आयोजित कार्यक्रम की झलक
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जसवंतनगर(इटावा) नगर के जैन भवन”शौरीपुर”में आचार्य 108 आदित्यसागर जी महाराज के पावन सानिध्य में चल रहे पंचकल्याणक महा महोत्सव के तीसरे दिन मंगलवार को युवराज नेमीकुमार की भव्य बारात नगर की सड़कों पर निकाली गई, बारात दौरान पशु पक्षियों को भूखा देख नेमी कुमार को वैराग्य हो गया और वह गिरनार पर्वत तप को चले गए और नेमीनाथ के रूप में जग कल्याणक बने।
प्रातःकालीन कार्यक्रमों की शुरूआत अभिषेक, शांति धारा, नित्य नियम, मंडल विधान, जाप्यंनुस्ठान के साथ हुई।
इसके पश्चात नेमिकुमार श्री कृष्ण,बलराम संग बाल क्रीडाये करते हुए यौवन की ओर बढ़ते हैं। बाद में युवराज नेमी कुमार की हल्दी ,मेहदी आदि की रस्में सम्पन्न होती है।
इसके बाद युवराज नेमी कुमार की भव्य बारात निकाली जाती है। बारात सिटी प्लाजा मार्केट से प्रारंभ होकर बड़ा चौराहा, सदर बाजार छोटा चौराहा और कैला मैया रोड होते हुए शौरीपुर नगरी स्थित महावीर वाटिका पहुंचती है।
इस बारात में बाराती सैकड़ो की तादाद में फिल्मी और धार्मिक धुनों पर नृत्य लीन दिखे। सभी का जोश और उत्साह देखने काबिल था।
नेमि कुमार बने प्रांशु जैन पारस का पुष्प हार पहनाकर जगह-जगह स्वागत हुआ।
बारात में भगवान श्री कृष्ण डॉ आशीष जैन और बलराम नितिन जैन शानू पात्रों के रूप मे विशाल बग्गियों पर विराजित अलग ही छटा बिखेर रहे थे। बाद में 32 हजार मुकुटबद्ध राजाओं द्वारा नेमि कुमार का राज्याभिषेक की रस्म अदायगी की गई।
आचार्य श्री आदित्य सागर जी महाराज ने अपने प्रवचनो के जरिए धर्म सभा को बताया कि भगवान नेमिनाथ और श्री कृष्ण आपस में चचेरे भाई थे। महाराज समुद्र विजय दस भाई थे ।समुद्र विजय सबसे बडे ओर सबसे छोटे बासुदेव थे ।
नारायण श्री कृष्ण न 1200 वर्ष और नेमि कुमार ने 1000 वर्ष आयु प्राप्त की थी। भगवान श्री कृष्ण नेमि कुमार के बड़े भाई थे।
भगवान श्री कृष्ण ने नेमिकुमार का विवाह सावन के महीने में रचाने की तैयारी करवाई थी ,इसके बाद नेमीकुमार की बारात शोरीपुर ,बटेश्वर से जूनागढ़ गुजरात जाती है। इस बारात में 56 करोड़ देवी देवता और गंधर्व आदि शामिल हुए थे।बारात जैसे ही आगे बढ़ती है बारात की खातिरदारी के लिए जूनागढ़ में सैकड़ो जानवरो को भूख और प्यास से तड़पता देख युवराज नेमिकुमार विचलित हो जाते है। उनका मन विचारमग्न हो जाता है_कि हमारी शादी में इतने अधिक जीवो को कष्ट दिया जा रहा है।… वहीं तत्क्षण उनके बारे में विचार कर उन्हे वैराग्य हो जाता है। और ज्ञान की प्राप्ति के लिए वह विवाह मंडप छोड़ गिरनार पर्वत पर निकल जाते है।
इससे पूर्व रात्रि में बालकुमार नेमिनाथ का जन्म कल्याणक धूमधाम से मनाया गया। जिसमें उनके जन्म से लेकर बाल अवस्था की क्रियाओ का बहुत ही सुंदर ढंग से मंचन किया गया। सर्वप्रथम उनका भाग्य पालन- झूलन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में नगर और आसपास के जैन समाज के लोगों ने हिस्सा लिया। दर्जनों बालकुमारों के साथ युवा नेमिकुमार खेलने की भव्य कृणाएं करते नजर आए।
इस अवसर पर भगवान नेमिनाथ के माता-पिता दिनेश चंद आशा जैन दिल्ली, सौधर्म इंद्र प्रखर जैन अंजलि जैन, कुबेर इंद्र शुभम हर्षित जैन दिल्ली, महायज्ञ नायक राजकमल मनीशा जैन ईशान, इंद्र राजेश सुषमा जैन महेंद्र ,इंद्र महेंद्र कुमार, सरोज जैन ,सानत इंद्र नलिन, कल्पना जैन, सामान्य इंद्र मुक्तेश जैन, अनिल लता जैन, सचिन सुरभि जैन,चंद्र मोहन शिखा जैन ,अरविंद प्रीति जैन संजय सुनीता जैन ,शिवकांत नीता जैन आदि बने।
यहां के पंच कल्याणक महोत्सव में संजय एंड पार्टी भोपाल संगीतकार के रूप में और मंच सज्जा महेंद्र कुमार भगवा ने की है।
ये सब जुटे हैं, पंचकल्याणक व्यवस्था में
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राजेश जैन, अनुपम जैन, अंकुर जैन, राजकमल जैन, आशीष जैन, एकांश जैन, अंकित जैन, मनोज जैन, प्रयाक जैन, अतुल बजाज, रोहित जैन, विवेक जैन, सचिन जैन, विनीत जैन, नीरज जैन, सौरभ जैन, मोहित जैन, प्रखर जैन, सम्यक जैन ,निकेतन जैन,अनुभव जैन, विनोद जैन , अशोक जैन, चेतन जैन, मणिकांत जैन, शिवकांत जैन, आराध्य जैन, अनाकुल जैन, अनुज जैन, विनोद जैन, उत्तम जैन परिवार,नीरज जैन फड्डू, जितेंद्र जैन, तन्मय जैन , सुधा जैन, वीना जैन , सुप्रिया जैन , मोनिका जैन के अलावा लुधपुरा जैन समाज की अंजली जैन, देवेंद्र जैन, वीरू जैन, सत्य प्रकाश जैन, प्रवीण जैन पिंटू ,विनोद जैन उर्फ निक्का, बल्ले जैन, अक्षत जैन, विजय कुमार जैन के अलावा नगर के अन्य धर्मावलंबी आदि व्यवस्थाओं में जुटे हैं।
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*वेदव्रत गुप्ता
EditorJanuary 30, 2024