गुरुकुल एकेडमी में मनाया गया संस्कृत दिवस
इटावा। संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति के विरासत का प्रतीक है। संस्कृत भारत देश का गौरव है, जिसे बढ़ावा और उसका हक मिलना ही चाहिए। संस्कृत देश की सबसे पवित्र व प्राचीनतम भाषा है। यह एक ऐसी भाषा है जो वैज्ञानिक विचारों को आगे बढ़ाने के भी काम आती है।
यह बात संस्कृत प्रवक्ता डॉ. ज्योति वर्मा ने बुधवार को ब्रह्मनगर पक्काबाग स्थित गुरुकुल एकेडमी में संस्कृत दिवस के अवसर पर कही। श्री सत्यनारायण समाज सेवा संस्थान ने पहली बार शहर में संस्कृत दिवस का आयोजन किया। संस्कृत प्रवक्ता डॉ. ज्योति वर्मा ने कहा कि संस्कृत दिवस श्रावणी पूर्णिमा को मनाया जाता है। प्राचीन भारत में पूर्णिमा के दिन से ही शिक्षण सत्र और वेद पाठ शुरू हुआ था। छात्र भी इसी दिन से शास्त्रों का अध्ययन करने लगे थे। श्रावणी पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भारत वर्ष में संस्कृत दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर एकेडमी के बच्चों ने संस्कृत श्लोक पाठ सुनाए। बच्चों ने सर्वप्रथम संस्कृत में अपना परिचय देने के बाद श्लोक पाठ किया। संध्या मिश्रा प्रधानाचार्य सुलेखा जितेंद्र ,आदित्य ,अजय ,सुप्रिया वर्मा ,खुशी ,गौरी, पूजा, रिचा, पूनम, शिवानी, साधना, अनन्या, श्वेता ,अंकित मिश्रा आदि शिक्षक उपस्थित रहे। श्लोक पाठ में राघव दुबे, नेहा राजपूत, मणि मिश्रा, अर्पित, सौम्या तिवारी, शगुन तिवारी, कशिश, शुभम, आयुषी दुबे, अनम, जानवी, आयुषी, तान्या मिश्रा आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया। सभी बच्चों को संस्था की ओर से डॉ.ज्योति वर्मा व आंचल वर्मा ने मेडल पहनाकर व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।