इटावा के सीबीएसई स्कूल्स एसोसियेशन के सभी विद्यालय 8 अगस्त को रहेंगे बन्द
*आजमगढ़ में प्रिंसिपल और शिक्षक की गिरफ्तारी को लेकर बंद रहेंगे स्कूल : विवेक यादव
फोटो:- स्कूलों की बंदी को लेकर जानकारी देते चेयरमैन विवेक यादव
इटावा 5 अगस्त। मंगलवार 8 अगस्त को यूपी के सभी निजी विद्यालयों के बंद रहने के दौरान इटावा में भी निजी विद्यालय हड़ताल पर रहेंगे।
यह जानकारी सीबीएसई स्कूल एसोसिएशन इटावा के चेयरमैन विवेक यादव ने देते बताया है कि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के “चिल्ड्रंस गर्ल्स स्कूल” में कक्षा 11 की एक छात्रा द्वारा की गई आत्महत्या की घटना को लेकर वहां के पुलिस प्रशासन द्वारा विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं शिक्षक की बिना किसी जाँच पड़ताल के गिरफ्तारी के विरोध स्वरूप यूपी के सभी निजी स्कूल आम सहमति से बन्द रखे जायेंगे।
इसी परिप्रेक्ष्य में इटावा सीबीएसई स्कूल्स एसोसियेशन द्वारा भी इटावा जिले के सभी निजी विद्यालयों को बंद रखकर हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है। आजमगढ़ में प्रधानाचार्य और शिक्षक की गिरफ़्तारी की सही और निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर प्रदेश सरकार से एक मांग पत्र द्वारा अनुरोध किया जा रहा है । उत्तर प्रदेश भर के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के साथ चर्चा के बाद ही इटावा सीबीएसई स्कूल्स एसोसियेशन ने भी घटना की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर मंगलवार को एक दिवसीय स्कूल बन्दी सामूहिक निर्णय लिया है I
विदित हो कि आजमगढ़ के चिल्ड्रंस गर्ल्स कॉलेज में कक्षा 11 की एक छात्रा के स्कूल बैग की तलाशी दौरान उसमे मोबाइल फोन पकड़े जाने और अभिभावक को जानकारी देने और डांटने के बाद छात्रा द्वारा विद्यालय में ही भागकर आवेश में आकर खुदकुशी कर ली गई ।
विवेक यादव ने कहा कि यह घटना अत्यंत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण थी, किंतु इस घटना को लेकर बड़ा सवाल यह है कि, इसमें किसी विद्यालय का प्रिंसिपल और शिक्षक को ही आखिर क्यों दोषी हो ठहराया जा रहा है? उन्हें बिना किसी जाँच पड़ताल के गिरफ्तार भी कर लिया गया।
विवेक यादव ने इस प्रकरण को लेकर बताया है कि स्कूल प्रशासन द्वारा अनेकों बार मना करने के बाद भी मोबाइल फोन बच्चों के बैग में मिलते हैं। विद्यालयों में जरा जरा सी बात पर अभिभावक आकर शिक्षको और प्रिंसिपल को एफ आई आर कराने की धमकी भी देते रहते हैं, जिससे अब शिक्षक शिक्षिकाओं एवं विद्यालय को बच्चों द्वारा सम्मान देना ही बंद कर दिया गया है। कटु सत्य तो यह है कि आज बच्चों को कुछ भी कहने से स्कूल के शिक्षक डरते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि, यदि बच्चे ने आवेश में आकर कोई गलत कदम उठा लिया तो सारा दोष उन्हीं के ऊपर आएगा। विद्यालयों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य एवं शिक्षकगण अपनी संस्था का संचालन करने से भी डरने लगे हैं।क्यों कि किस पल उनके खिलाफ कोई कार्यवाही हो जाए। यह स्वयं उन्हें भी पता नहीं है।
उन्होंने कहा कि निसंदेह जिस परिवार ने अपनी बच्ची को खोया है हम सबकी संवेदना उस परिवार के साथ है ।
उन्होंने अंत में कहा कि उत्तर प्रदेश के समस्त निजी विद्यालय संगठन के साथ इटावा सीबीएसई स्कूल्स एसोसियेशन ने भी सरकार से यह मांग की है कि, इस घटना की सत्यता की निष्पक्षता से जांच की जाए और यदि संबंधित व्यक्ति दोषी है तो उसके खिलाफ कार्यवाही भी हो लेकिन दोषी न होने की दशा में वहां के प्रधानाचार्य और शिक्षक को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। सीबीएसई स्कूल एसोसियेशन ने कहा है कि,सभी स्कूल कानून से बंधे हुए है ,लेकिन हर गलत बात में सिर्फ किसी भी विद्यालय या उसके प्रिंसिपल,शिक्षक को ही दोषी बना दिया जाए यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं होगा।
*वेद व्रत गुप्ता
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