संसार में भगवत कृपा से ही होते हैं, संतो के दर्शन: आचार्य श्याम मोहन
*नृसिंह मंदिर में चल रही है राम कथा
Madhav SandeshAugust 4, 2023
फोटो:- नृसिंह मंदिर में चल रही रामकथा में प्रवचन करते आचार्य श्याम मोहन जी महाराज तथा जुटी भीड़
जसवंतनगर(इटावा)। इस संसार में भगवान की कृपा से ही हमें मनुष्य जन्म प्राप्त हुआ है। भगवद कृपा से ही संतो के दर्शन संभव हैं। भगवान राम जब बनवास को जा रहे थे, तो उन्हें भी उनके मन में विराजमान भगवान ने ही अनेक संतों के दर्शन कराए थे। उन्ही संतो के मार्गदर्शन से ही उन्होंने अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान रावण जैसे जगविजयी आततायी का अंत किया था।
यहां के मोहल्ला कटरा पुख्ता के नृसिंह मंदिर में चल रही रामकथा में प्रवचन करते श्री धाम वृंदावन, मथुरा के कथावाचक स्वामी श्याम नारायण जी महाराज ने यह बात कही।
राम कथा के सातवें दिन वह भगवान राम के वनवास और उनके लक्ष्मण और सीता सहित वन गमन जाने की कथा का वर्णन कर रहे थे। उन्होंने बताया कि केवट ने जब भगवान राम से नाव की उतराई नहीं ली, थी तो उसने भगवान राम से वचन ले लिया था कि जब वह वनवास से लौटे तो वह उनकी नाव पर ही सवार होकर अयोध्या जाएं ,तब ही वह उनसे उतराई लेगा। उसका तात्पर्य था कि भगवान वनवास के बाद अयोध्या लौट कर रामराज की स्थापना करें।
उन्होंने बताया कि भारद्वाज मुनि ने भगवान राम का वन गमन के दौरान उनका रास्ता प्रशस्त किया था। उनका रास्ता प्रशस्त करने के लिए चार संत उनके आगे आगे भेजे थे। वे संत और कोई नहीं थे, बल्कि चार वेद थे ,जिन्होंने पूरे वनवास के दौरान भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम की पदवी ग्रहण कराने में मदद की थी।
कथा सुनने आये अभिभावकों से उन्होंने अपील की कि वह अपने बच्चों में ऐसे संस्कार डालें कि जब भी आप घर से बाहर जाएं, तो उनके बच्चे मंदिर में बैठे भगवान की पूजा अर्चना तथा उनका भोग लगाना ना भूलें। उन्होंने कहा कि संस्कारवान बच्चे ही माता-पिता की सबसे बड़ी दौलत होते हैं।
श्याम नारायण जी महाराज ने संगम तीर्थ की चर्चा करते कहा कि जीवन में यदि एक बार भी संगम तट पर जाकर स्नान कर लिया जाता है, तो कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।
यह राम कथा नगर में कई वर्षों बाद आयोजित हुई है। इस वजह से श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भीड़ रोजाना जुट रही है। कथा का समापन 6 अगस्त को भंडारे के साथ होगा।
राम कथा दौरान मनोज गुप्ता, पप्पू गुप्ता नगर पालिका अध्यक्ष सत्यनारायण शंखवार आदि कथा श्रवण करने पहुंचे। परीक्षित मथुरा प्रसाद गुप्ता, उनकी पत्नी राममूर्ति गुप्ता, पुत्र मुकेश कुमार गुप्ता, हिमांशु गुप्ता, गोपाल गुप्ता, वैभव गुप्ता, लक्ष्य गुप्ता, शिवांश गुप्ता, माही गुप्ता, राघव गुप्ता के अलावा लक्ष्मण दास शिवहरे, पूर्व चेयरमैन अमरनाथ गुप्ता, मनोज लाला, गोपी आड़तियां, मुकेश कुमार झा, अशोक गुप्ता, निर्मला गुप्ता, प्रदीप शिवहरे, नीलम शिवहरे, सुभाष गुप्ता, सुमन गुप्ता, ओम गुप्ता ,नेहा गुप्ता, सोनू गुप्ता, स्वीटी गुप्ताआदि व्यवस्था में संलग्न थे ।
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*वेदव्रत गुप्ता
Madhav SandeshAugust 4, 2023