16.41 लाख लक्षित आबादी को करवायेंगे ‘सर्वजन दवा सेवन’ 16.41 लाख लक्षित आबादी को करवायेंगे ‘सर्वजन दवा सेवन’ स्वास्थ्य विभाग के तत्वधान में सीफार के सहयोग से हुआ मीडिया कार्यशाला का आयोजन
10 अगस्त से शुरू हो रहे एमडीए अभियान में मीडिया करे सहयोग -सीएमओ
सार्वजनिक स्थानों पर सर्वजन दवा सेवन के लिए बनेंगे विशेष वूथ
सीएमओ की अपील :फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में एक बार दवा का सेवन जरूर करें
इटावा 4 अगस्त 2023।
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को शहर के एक होटल में स्वास्थ्य विभाग के तत्वधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार)के सहयोग से एक दिवसीय मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ गीता राम ने सभी प्रतिभागियों को एमडीए अभियान को लेकर अपनी सहभागिता निभाने की शपथ दिलाई।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ गीता राम ने कहा कि देश को वर्ष 2030 तक फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इसके लिए जनपद में भी तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत 10 अगस्त से जनपद के सभी ब्लॉक व नगरीय क्षेत्रों में एमडीए राउंडसंचालित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया (फीलपाँव या हाथीपाँव) वाहक मच्छर क्यूलेक्स के काटने के बाद इसके लक्षण पांच से 15 साल के बाद दिखाई देते हैं। इसलिए एक साल से ऊपर के सभी बच्चों, किशोर-किशोरियों, वयस्कों, वृद्धजनों को फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर खानी चाहिए। यह दवा स्वास्थ्य कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर खिलाई जाएगी। स्वास्थ्य कर्मी और आशा कार्यकर्ता यह दवा लोगों को अपने समक्ष खिलाएँगी। यह दवा खाली पेट नहीं खानी है। सीएमओ ने मीडिया बंधुओं के माध्यम से जनमानस से अपील की कि फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा का सेवन जरूर करें। उन्होंने बताया कि जनपद के 16.41 लाख लोगों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ श्रीनिवास ने कहा कि किसी भी संदेश को जनमानस तक पहुंचाने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। इसी उद्देश्य से आज आगामी फाइलेरिया एमडीए कार्यक्रम को लेकर मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है। फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैंतो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं। ऐसे लक्षण इन दवाओं के सेवन के उपरांत शरीर के भीतर परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः यहलक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं। परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) भी बनाई गई है। आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी को उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता है।एक बार फाइलेरिया (हाथीपाँव) हो जाने के बाद यह पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। सभी से अपील है कि इस अभियान में सरकार का सहयोग करें। खुद दवा खाएं और अपने आस-पास के लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें।
जिला मलेरिया अधिकारी नीरज दुबे ने बताया कि एमडीए अभियान के तहत जनपद में 1559 टीमें 16 लाख 41 हज़ार 992 लोगों को घर-घर जाकर दवा का सेवन कराया जाएगा और शहरी क्षेत्र में 5 विशेष वूथ व सभी आठ ब्लॉकों ब्लॉकों में 16 विशेष वूथ लगाकर भी लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा सेवन करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से प्रभावित क्षेत्रों में सहयोगी संस्था पाथ व पीसीआई इंडिया और सीफार के सहयोग से अभियान से पहले और अभियान के दौरान सामुदायिक जागरूकता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग समाज में फैली भ्रांतियों के चलते दवा सेवन नहीं करते थे फेंक देते इसलिए स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही दवा सेवन करें इस संदर्भ में लोगों को विशेष चौपाल और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है जिससे जिले में शत-प्रतिशत लोगों को दवा सेवन कराया जा सके।
कार्यशाला में फाइलेरिया रोगी व आशा कार्यकर्ता लेखा पांडे ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि फाइलेरिया एक तरह की दीर्घकालीन दिव्यांगता है जिससे मरीज को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए एक ही विकल्प है ‘सर्वजन दवा सेवन’। इसके साथ ही सहयोगी संस्था पाथ, पीसीआई इंडिया, सीफार के प्रतिनिधियों ने भी फाइलेरिया मुक्त इटावा बनाने के लिए अपनी जन सहभागिता के रूप में प्रमुख भूमिका के संदर्भ में बताया। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएल संजय, डीपीएम संदीप दीक्षित, बीसीपीएम प्रभात बाजपेई अन्य स्वास्थ्य अधिकारी और सहयोगी संस्था पाथ, पीसीआई व सीफार के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
स्वास्थ्य विभाग के तत्वधान में सीफार के सहयोग से हुआ मीडिया कार्यशाला का आयोजन
10 अगस्त से शुरू हो रहे एमडीए अभियान में मीडिया करे सहयोग -सीएमओ
सार्वजनिक स्थानों पर सर्वजन दवा सेवन के लिए बनेंगे विशेष वूथ
सीएमओ की अपील :फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में एक बार दवा का सेवन जरूर करें
इटावा 4 अगस्त 2023।
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को शहर के एक होटल में स्वास्थ्य विभाग के तत्वधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार)के सहयोग से एक दिवसीय मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ गीता राम ने सभी प्रतिभागियों को एमडीए अभियान को लेकर अपनी सहभागिता निभाने की शपथ दिलाई।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ गीता राम ने कहा कि देश को वर्ष 2030 तक फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इसके लिए जनपद में भी तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत 10 अगस्त से जनपद के सभी ब्लॉक व नगरीय क्षेत्रों में एमडीए राउंडसंचालित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया (फीलपाँव या हाथीपाँव) वाहक मच्छर क्यूलेक्स के काटने के बाद इसके लक्षण पांच से 15 साल के बाद दिखाई देते हैं। इसलिए एक साल से ऊपर के सभी बच्चों, किशोर-किशोरियों, वयस्कों, वृद्धजनों को फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर खानी चाहिए। यह दवा स्वास्थ्य कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर खिलाई जाएगी। स्वास्थ्य कर्मी और आशा कार्यकर्ता यह दवा लोगों को अपने समक्ष खिलाएँगी। यह दवा खाली पेट नहीं खानी है। सीएमओ ने मीडिया बंधुओं के माध्यम से जनमानस से अपील की कि फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा का सेवन जरूर करें। उन्होंने बताया कि जनपद के 16.41 लाख लोगों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ श्रीनिवास ने कहा कि किसी भी संदेश को जनमानस तक पहुंचाने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। इसी उद्देश्य से आज आगामी फाइलेरिया एमडीए कार्यक्रम को लेकर मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है। फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैंतो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं। ऐसे लक्षण इन दवाओं के सेवन के उपरांत शरीर के भीतर परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः यहलक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं। परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) भी बनाई गई है। आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी को उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता है।एक बार फाइलेरिया (हाथीपाँव) हो जाने के बाद यह पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। सभी से अपील है कि इस अभियान में सरकार का सहयोग करें। खुद दवा खाएं और अपने आस-पास के लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें।
जिला मलेरिया अधिकारी नीरज दुबे ने बताया कि एमडीए अभियान के तहत जनपद में 1559 टीमें 16 लाख 41 हज़ार 992 लोगों को घर-घर जाकर दवा का सेवन कराया जाएगा और शहरी क्षेत्र में 5 विशेष वूथ व सभी आठ ब्लॉकों ब्लॉकों में 16 विशेष वूथ लगाकर भी लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा सेवन करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से प्रभावित क्षेत्रों में सहयोगी संस्था पाथ व पीसीआई इंडिया और सीफार के सहयोग से अभियान से पहले और अभियान के दौरान सामुदायिक जागरूकता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग समाज में फैली भ्रांतियों के चलते दवा सेवन नहीं करते थे फेंक देते इसलिए स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही दवा सेवन करें इस संदर्भ में लोगों को विशेष चौपाल और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है जिससे जिले में शत-प्रतिशत लोगों को दवा सेवन कराया जा सके।
कार्यशाला में फाइलेरिया रोगी व आशा कार्यकर्ता लेखा पांडे ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि फाइलेरिया एक तरह की दीर्घकालीन दिव्यांगता है जिससे मरीज को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए एक ही विकल्प है ‘सर्वजन दवा सेवन’। इसके साथ ही सहयोगी संस्था पाथ, पीसीआई इंडिया, सीफार के प्रतिनिधियों ने भी फाइलेरिया मुक्त इटावा बनाने के लिए अपनी जन सहभागिता के रूप में प्रमुख भूमिका के संदर्भ में बताया। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएल संजय, डीपीएम संदीप दीक्षित, बीसीपीएम प्रभात बाजपेई अन्य स्वास्थ्य अधिकारी और सहयोगी संस्था पाथ, पीसीआई व सीफार के प्रतिनिधि मौजूद रहे।