धनुआ की  प्रधान पर लाखों रुपए के गबन का आरोप

 *बेटे चलाते हैं प्रधानी  * अफसरों को ठेंगे पर रखती है ग्राम प्रधान *धनुआ ओडीएफ प्लस ग्राम पंचायत नहीं बन सकी

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जसवंतनगर (इटावा)। जिलाधकारी अवनीश कुमार राय द्वारा जसवंत नगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत धनुआ की ग्राम प्रधान शकुंतला देवी यादव के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार प्रतिबंधित(सीज) किए जाने के पीछे  प्रधान द्वारा की गई  अनियमितताएं, भुगतानो में लाखों रुपए राशि की गड़बड़ी के अलावा धनुआ को ओडीएफ प्लस ग्राम सभा घोषित किए जाने में अड़ंगा डालना जैसे गंभीर मामले हैं। 

   ग्राम प्रधान के दबंग पुत्रों द्वारा ग्राम पंचायत के सारे कार्य मनमाने ढंग से संचालित किया जाना भी प्रमुख वजह बनी है।           
    बताया तो यहां तक गया है कि अपने दबंग पति के कारण ग्राम प्रधान किसी भी अधिकारी को कुछ भी नहीं समझती थी। उसके खिलाफ आई शिकायतों की जब-जब जांच हुई और जांचों में पाई गई गड़बड़ियों को लेकर प्रधान से स्पष्टीकरण मांगे गए, तो संबंधित अफसर को जवाब देना भी गवारा  नहीं समझा गया।

    जिलाधिकारी ने शुक्रवार को प्रधान शकुंतला देवी  के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज करने को लेकर जो आदेश जारी किया है, उसमें प्रधान पर  ग्राम पंचायत क्षेत्र के पांच विकास कार्यों में करीब 8 लाख रूपये सरकारी धनराशि की गड़बड़ी और गबन करने का आरोप लगाया गया है। इन वित्तीय गड़बड़ियों में ग्राम पंचायत की कंसलटिंग इंजीनियर ईशानी हाजरा ने भी प्रधान का भरपूर साथ दिया है।
   वित्तीय गड़बड़ियों में 100 कूड़ा पात्र खरीदने की बजाय मात्र 9 ही खरीदे गए और 5 लाख 46 हजार की धनराशि का गबन किया गया। ग्राम पंचायत के लिए 4 सिल्ट कैचर खरीदी जानी थी, मगर 2 ही खरीदी गई और 28 हजार की धन राशि का गवन किया गया। 2 लाख 24 हजार रुपए की राशि से एक ई-रिक्शा की खरीद दिखाई गई, मगर ग्राम पंचायत में ई-रिक्शा मौजूद ही नहीं मिला।
   पंचायत क्षेत्र के लिए 40 प्लास्टिक बैंक की  खरीद फरोख्त दिखाई गई, मगर 16 ही ग्राम पंचायत में  पाए गए। करीब 4 लाख 11 हजार रुपए का गबन कर लिया गया। इसी प्रकार एक नाली निर्माण में लगभग 2 लाख रुपयों का सरकारी धन को चूना लगाया गया।
   धनुआ ग्राम पंचायत को स्वच्छ भारत मिशन के तहत ओडीएफ प्लस घोषित करने के लिए करीब सवा 41लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी, मगर इस पर कोई काम नहीं किया गया और मात्र दो लाख ही खर्च किए गए। प्रधान ने ओडीएफ योजना में कोई रुचि नहीं दिखाई, इस कारण धनुआ ओडीएफ प्लस ग्राम पंचायत घोषित नहीं हो सका।
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