बहुजन समाज के प्रकाश कुंज अंबेडकरवादी, बसपा संस्थापक मान्यवर कांशी राम के निकटतम साथी पूर्व कमिश्नर शिवराम दौहरे के निधन से शोक की लहर दौड़ी, श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए जनसैलाब उमड़ा

इटावा। बहुजन समाज के प्रकाश कुंज कहे जाने वाले अंबेडकरवादी तथा बसपा संस्थापक मान्यवर कांशी राम के निकटतम साथी पूर्व कमिश्नर शिवराम दोहरे के निधन से बहुजन समाज में शोक की लहर दौड़ गई वह लगभग 85 वर्ष के थे उनके निधन से बहुजन समाज की अपूरणीय क्षति हुई है। स्वर्गीय शिवराम जी छात्र जीवन से ही सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में रुचि लेने लगे थे शिवराम जी की गिनती मेधावी छात्रों में होती थी वह गुदड़ी के लाल थे उनका जनपद इटावा के बकेवर के पास नोधना गांव में हुआ था वह शुरू से ही बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा स्थापित आरपीआई रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया से जुड़ गए थे. इसी बीच उनका चयन सरकारी सेवा में हो गया यहां पर भी उन्होंने समाज सेवा का कीर्तिमान स्थापित किया और वह बामसेफ के माध्यम से बामसेफ ds4 एवं बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशी राम के संपर्क में आ गए स्वर्गीय शिवराम दौहरे जी की गिनती बहुजन समाज के चिंतक व मनीषी के रूप में होती थी। उनका सादा जीवन उच्च विचार से सभी लोग प्रभावित रहते थे बहुजन समाज की तमाम हस्तियां उनसे ज्ञान प्राप्त करने के लिए उनके निवास स्थान पर आते थे। दोहरे जी भी बहुजनसमाज के मनीषियों के हमेशा सानिध्य में रहे शिवराम जी ने एक लंबे समय तक नगला खादर में स्थित बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर बौद्ध महाविद्यालय को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहे और वह महाविद्यालय के लंबे अरसे तक महामंत्री भी रहे। आज उनके पुत्र समीर दोहरे जो सरकारी सेवा में कार्यरत हैं वह डॉक्टर अंबेडकर महाविद्यालय के महामंत्री पद को सुशोभित कर रहे हैं।

बसपा संस्थापक मान्यवर कांशी राम के निकटतम साथी होने के कारण खादिम की उनसे हमेशा मुलाकात बनी रही वह समय-समय पर खादिम का मार्गदर्शन भी करते रहे सेवानिवृत्ति होने के उपरांत मान्यवर कांशी राम ने दोहरे जी को सन 2002 में लखना विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में उन्हें सफलता तो नहीं मिली लेकिन शिवराम तोहरे जी ने जिस भीमराव अंबेडकर एडवोकेट कोअपना निवास स्थान बसपा कार्यालय को देखकर पाला पोसा था ,इसी विधानसभा लखना से भीमराव अंबेडकर एडवोकेट विधायक बने खादिम तो अक्सर कमिश्नर शिवराम दौहरे के इटावा के चौरसिया बगिया में स्थित उनके निवास पर आता जाता था। वहां अकेले भीमराव अंबेडकर एडवोकेट के खाने दाने की व्यवस्था नहीं होती थी वहां पर तमाम मिशनरी साथी आश्रय पाते थे और स्वर्गीय दोह रे उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था करते थे।

स्वर्गीय शिवराम दौहरे की यह हमेशा से आदत रही उन्होंने हमेशा दीन हीन परिवार के लोगों की दिल खोल कर मदद की। उनकी सबको साथ लेकर चलने की आदत में उन्हें महान बना दिया था। उन पर सभी वर्ग ब धर्म के लोग विश्वास करते थे इसलिए उन्हें बहुजन समाज का प्रकाश कुंज कहा जाता था वह बौद्धइष्ट थे इसलिए अक्सर उनके यहां तथागत बुद्ध और बौद्ध धर्म की चर्चा हुआ करती थी जिसमें सभी धर्मा वलियों के प्रबुद्ध जन हिस्सा लेते थे अपनी पचासी वर्ष की आयु में वह सामाजिक वैचारिक रूप से निरंतर सक्रिय रहे कमिश्नर साहब हमेशा खादिम को फोन करके बुला लिया करते थे फिर चर्चा में मुख्य रूप से अपने पुत्र समीर दौहरे को भी अपने पास रखते थे उनका सभी से मैत्रीपूर्ण व्यवहार रहता था वह दार्शनिक होने के साथ एक अच्छे विचारक भी थे जिसका लाभ उनसे मिलने वाला हर व्यक्ति उठाता था यही कारण रहा कि जैसे ही जनमानस को पता चला पूर्व कमिश्नर शिवराम दोहरे जी का निधन हो गया है वैसे ही शोक की लहर दौड़ गई एक विचारक व मनीषी व्यक्ति का फानी दुनिया से कूच करना दुखद है दोहरे जी के निधन से समाज की बड़ी क्षति हुई है वरिष्ठ पत्रकार शेखर यादव इंसानी भाईचारा समिति के अध्यक्ष आमीन भाई एवं अति पिछड़ा वर्ग के संयोजक रमेश प्रजापति ने पूर्व कमिश्नर शिवराम दौहरे जीके तमाम संस्मरण सुनाएं स्वर्गीय शिवराम जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए जो जनसैलाब उमड़ा है उसे लोग हमेशा याद रखेंगे।

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