फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जरूरी दवा का नियमित सेवन – डॉ राकेश

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जरूरी दवा का नियमित सेवन – डॉ राकेश

◾मच्छरजनक कारकों को नष्ट करें, सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान दवा का सेवन भी ज़रूरी

◾10 अगस्त से घर-घर जाकर खिलाएंगे फाइलेरिया से बचाव की दवा

रिपोर्ट – आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

औरैया। बारिश के मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। ऐसे में डेंगू-मलेरिया के साथ ही फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी का खतरा भी रहता है। फाइलेरिया एक ऐसा रोग है जिसके लक्षण संक्रमित होने के 15 साल बाद दिखाई देते हैं। इसलिए यह रोग और घातक हो जाता है। इससे बचाव के लिए मच्छरजनक कारकों को तो नष्ट करें ही, साथ में सरकार द्वारा वितरित की जाने वाली दवा का भी सेवन करें। यह दवा साल में सिर्फ एक बार खानी होती है। यदि पांच साल तक यह क्रम बनाए रखा जाए तो फाइलेरिया से जीवन भर के लिए मुक्ति मिल सकती है। इस वर्ष राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में 10 अगस्त को सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) का मेगा लॉन्च होगा। यह अहम जानकारी फाइलेरिया कार्यक्रम के नोडल व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने दी।.डॉ सिंह का कहना है की फाइलेरिया दिव्यांगता फैलाने वाली विश्व की दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है। उन्होंने बताया की फाइलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को क्यूलेक्स मादा मच्छर काटती है, तो उसके शरीर में माइक्रोफाइलेरिया परजीवी पहुंच जाते हैं। यह मादा मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटती है तो वह भी संक्रमित हो जाता है। छह माह से दो साल के भीतर माइक्रोफाइलेरिया परजीवी परिपक्व होकर कृमि में बदल जाता है और प्रजनन कर अपनी तादाद बढ़ाता है। तब संक्रमित व्यक्ति में फाइलेरिया के लक्षण दिखना शुरू होते हैं। यह परजीवी रात नौ से दो के बीच ज्यादा सक्रिय होता है। इसलिए इसकी जांच भी रात नौ बजे के बाद ही होती है। अधिकांशत किशोरावस्था में यह संक्रमण प्रारंभ होता है। इससे उनमें कमजोरी, काम में रुचि न लेना, थकान, खेलने-कूदने में मन न लगना जैसे लक्षण दिखाई पडऩे लगते हैं। उन्होंने बताया की फाइलेरिया की दवा दो साल से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं व गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सबको खिलाई जाती है। यदि पांच साल तक लगातार प्रतिवर्ष एक बार दवा खाने का क्रम जारी रखा जाए तो आजीवन फाइलेरिया से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही पीएचसी, सीएचसी व जिला अस्पतालों में समय-समय पर हाइड्रोसील के ऑपरेशन के लिए कैंप लगाए जाते हैं।

◾ लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें 

डॉ. सिंह ने बताया कि यदि ज्यादा दिनों तक बुखार रहे, पुरुष के जननांग में या महिलाओं के स्तन में दर्द या सूजन रहे और खुजली हो, हाथ-पैर में भी सूजन या दर्द रहे तो यह फाइलेरिया होने के लक्षण हैं। तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर चिकित्सा शुरू करवाना सुनिश्चित करवाएँ। मरीज नियमित रूप से बताये गए दवा का सेवन करें और अपने परिवारजनों को भी चाहे वो मरीज न भी हों तो एमडीए अभियान के दौरान डीईसी एवं अल्बेंडाजोल दवा का सेवन जरूर करने के लिए प्रेरित करें। पाँच साल तक एक बार इन दवाओं के सेवन से कोई भी व्यक्ति आजीवन फाइलेरिया के खतरे से मुक्त हो सकता है।

 

 

 

 

 

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