नगर निगम की पहली बैठक में पांच अरब, 13 करोड़ रूपये के अनुमानित बजट को मिली हरी झंडी
संवाद न्यूज माधव संदेश ब्यूरो रिपोर्ट रीना खान फिरोजाबाद। सोमवार को पालीवाल हॉल में हुई नगर निगम की कार्यकारणी बैठक के दौरान कुल पांच अरब, 13 करोड़ रूपये के अनुमानित वार्षिक बजट पर सदन की मुहर लग गई। अनुमानित बजट से अवस्थापना से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया जायेगा। तथा जरूरी संसाधन जुटाए जायेंगे। आवश्यक कार्यवाही अलग-अलग पार्षदों द्वारा प्रस्तुत 17 अन्य प्रस्तावों को भी सदन ने ध्वनिमत से पास कर दिया। हालांकि कुछ मुद्दों पर सत्तापक्ष और विपक्षी दलों के पार्षदों पर गतिरोध की स्थिति बनी। लेकिन वरिष्ठ सदस्यों द्वारा हस्तक्षेप कर गतिरोध को समाप्त करा सदन की कार्यवाही पूरी कराई गईं।वित्तीय वर्ष 2023-23 के लिये नगर निगम द्वारा कुल पांच अरब, 13 करोड़, पैंतीस लाख, तैतीस हजार,दो सौ आठ रूपये के वार्षिक बजट का अनुमानित लक्ष्य तय किया गया है। उपरोक्त धनराशि में 14वें व 15वें वित्त आयोग के अलावा एफएससी से प्राप्त होने वाले अनुमानित करीब 4.10 करोड एवं निगम द्वारा विभिन्न मदों के जरिये होने वाली करीब 90 करोड़ की धनराशि की आय का अनुमानित लक्ष्य भी शामिल किया गया है। उक्त धनराशि के जरिये निगम द्वारा आम जन से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं व अवस्थापना से जुड़ी व्यवस्थाओं को पूरा कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त की धनराशि निगम अन्य मदों में खर्च करेगा।सोमवार को निर्धारित अवधि 11 बजे नगर निगम के पालीवाल हॉल में आयोजित हुई बैठक में सत्तापक्ष व विपक्ष के अधिकांश पार्षद मौजूद रहे। अध्यक्षीय भूमिका का निर्वहन कर रहीं महापौर कामिनी राठौर के साथ नगर विधायक मनीष असीजा एवं एमएलसी विजय शिवहरे एवं नगर आयुक्त घनश्याम मीणा मंच पर मौजूद रहे। लगभग दो घंटे चली बैठक के दौरान अलग-अलग पार्षदों द्वारा प्रस्तुत करीब 17 प्रस्तावों को सदन की मंजूरी मिल गई।
पहली बैठक में इन विषयों पर हुई चर्चा-
जलेसर रोड, खत्ताघर पर पार्क का निर्माण, नगर निगम में शामिल हुई 13 ग्राम सभाओं में स्थित नजूल और सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराने एवं तार फैसिंग कार्य कराने पर चर्चा, आसफाबाद बिजलीघर के समीप जलभराव की समस्या का स्थाई निदान, रहना नाला से झील की पुलिया तक मार्ग का शहीद देवेश कुलश्रेष्ठ के नाम पर रखे का जाने का प्रस्ताव प्रमुख रहा। वहीं रामचंद्र पालीवाल हॉल का पुनरूद्वोर कार्य, मक्खनपुर नगर पंचायत सीमा से राजा का ताल तक सीमा विस्तार का प्रस्ताव, सोफीपुर में गौशाला निर्माण कराने एवं सड़कों पर रखे बिजली विभाग के ट्रांसफार्मर और खंबो को नाली-नालों के किनारे पर शिफ्ट कराने एवं नगर निगम सीमा में चैपाटी का निर्माण कराने संबंधी प्रस्तावों को सदन के समक्ष रखा गया।
निर्धारित शर्तों के साथ सशुल्क होगा श्वान पालन-
निगम की पहली बैठक में ही तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। विदेशी नस्ल के श्वान पालकों को अब निगम को टैक्स देना पडेगा। इसके साथ ही कुछ शर्तें भी निर्धारित की गईं हैं। शर्तों का पालन नहीं करने पर श्वान पालकों पर जुर्माना निर्धारण का भी विकल्प रखा गया है। वहीं खतरनाक प्रजाति के श्वान पिट बुल, रॉट ब्लेयर, बुल मस्टरिफ, हकी जैसे श्वान पालन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है।
डेयरी संचालकों पर भी होगी कड़ाई-
नगर निगम एरिया में सड़कों पर गली में दूधारू पशु बांधने पर प्रति पशु प्रतिदिन के हिसाब से 1000 रूपये का जुर्माना बसूला जायेगा। वहीं अवैध डेरी संचालकों को भी आर्थिक दंड निर्धारण की श्रेणी में लाया गया है। डेयरी संचालक में एनजीटी के नियमों का सुनिश्चित कराया जायेगा। जानकारी के मुताबिक निगम एरिया में डेरी संचालन को अब दस बिंदुओं पर आधारित नियमावली तैयार की गई है।
पुराने बकाया पर 12 प्रतिशत ब्याज माफी के लिये शासन से होगा पत्राचार-
निगम कार्यकारणी की पहली बैठक के दौरान वर्ष 2014 से बकाया गृह व जलकर पर लगने वाली 12 प्रतिशत ब्याज की धनराशि को लेकर सत्ता व विपक्षी पार्षदों में काफी देर तक गर्मागर्म बहस हुई। सत्ता पक्ष के पार्षद भी बकाया टैक्स पर 12 प्रतिशत ब्याज लगाने की कार्यवाही पर असहमत दिखाई दिये। बाद में नगर आयुक्त ने महापौर और नगर विधायक से सहमति लेने के बाद इस मुद्दे पर शासन से पत्राचार किये जाने की बात कह कर मामला शांत किया।
पुलिस चैकी को प्रस्तावित भूमि के हस्तांतरण के मुद्दे पर हुई बहस, झल्लाई महापौर-
थाना रामगढ़ की प्रस्तावित पुलिस चैकी को चिहिंत भूमि के हस्तांतरण को लेकर सत्ता व विपक्ष के पार्षदों में काफी देर तक बहस होती रही। विपक्षी पार्षदों का कहना था कि पुलिस विभाग को निःशुल्क भूमि देने का कोई औचित्य नही हैं। भूमि हस्तांतरण से होने वाली आय से नई आबादी क्षेत्र में पेयजल समस्या का निदान करया जा सकता है। इस मुद्दे पर जब नई आबादी क्षेत्र के पार्षदों ने कागज के टुकड़े फाड़ने शुरू किये तो महापौर कामिनी राठौर झल्ला गइं। महापौर ने पार्षदों पर सवाल दागा कि पहले वाले कार्यकाल में इस मुद्दे पर बहस क्यों नहीं कराई गई।
एक नहीं तीन कर्मचारियों की मांग पर अड़े पार्षद-
बैठक के दौरान महापौर की सहमति से नगर आयुक्त ने सभी पार्षदों को एक-एक कर्मचारी व एक कुर्सी उपलब्ध कराने की जानकारी दी। इस पर सत्ता व विपक्ष के पार्षद एकराय हो गये। सभी ने एक स्वर में कहा कि उन्हें तीन-तीन कर्मचारी उपलब्ध कराये जायें। हालांकि इस मुद्दे को भी आगामी बैठक में उठाये जाने तक स्थगित किये जाने का अनुरोध नगर आयुक्त ने किया। तब जाकर मामला शांत हुआ।
विजय टाकीज के सामने वाली भूमि पर अवैध कब्जा का मामला भी उठा-
वरिष्ठ सदस्य श्याम सिंह यादव ने विजय टाकीज के सामने स्थित भूमि की उपयोगिता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि उक्त भूमि मौजूदा दुकानों से निगम को कोई आय नहीं हो रही। उक्त स्थल से निगम को आय हो सकती है। इस पर विचार किया जाये। बैठक के दौरान पार्षद सुनील मिश्रा, अजय गुप्ता, कासिम, अलीम भोला, प्रमोद राजौरिया और विजय शर्मा काफी मुखर शब्दों में अपनी बात कहते नजर आये।