20 साल से नहीं हुई चिचौली-पुल के बेयरिंग की ग्रीसिंग

*पीडब्ल्यूडी टीम ने इटली की मशीन से चेक किए पुल, 30 साल में बदलनी होती है बेयरिंग

*रिपोर्ट – आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता*

*औरैया।* जिले में पुलों के रखरखाव को लेकर विभागीय रूप से कितनी बड़ी अनियमिता बरती जा रही है, उसका खुलासा अब जांच में सामने आ रहा है। पुलों में करीब 20 साल से बेयरींग में ग्रीसिंग और ऑयलिंग नहीं हुई थी। जिस कारण पुलों की बेयरींग जाम होने की कगार पर है। यह पुल जब निर्माण हुआ था तब आठ से दस हजार वाहन प्रतिदिन निकलते थे और अब 23 हजार 560 छोटे बड़े वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं। जिससे आने वाले समय मे पुल पर बड़ी दिकक्त आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।गुजरात मे मोरबी के हादसे के बाद सभी पुल चेक हो रहे हैं। औरैया का यमुना पुल विशाखापत्तनम से आई आईआईटी टीम ने चेक किया था। जिसमें बेयरींग तक जाम मिली। जिसपर तीन माह से बड़े वाहनों का आवागमन रोका गया है। मरम्मत के लिए 1.13 करोड़ स्वीकृत हो गए हैं। अब पीडब्ल्यूडी टीम ने जिले के अन्य पुलों की जांच की तो पढींन के पुल में बेयरींग सूखी मिली। चिचौली पुल पर गहन निरीक्षण हुआ तो पुल की सभी बेयरींग सूखी थी। जिसमें करीब 20 साल से ग्रीसिंग व ऑयलिंग न होने का अनुमान है।जानकार बताते हैं कि बेयरींग की अधिकतम उम्र 30 साल है, जिसके बाद बदलना होता है। पुलों के खंभे व स्लैब के बीच बियरिंग लगाई जाती है। यह बियरिंग वाहनों के चलने से होने वाले कंपन्न को कम करती है। इन बियरिंग के खराब होने पर पुल में कंपन्न के कारण दरारें आ सकती है। इतना ही नहीं अधिक संख्या में पुलों की बियरिंग खराब होने पर पुल कभी भी दरक सकता है। राज्यसेतु निगम की मेड इन इटली मशीन लखनऊ से आई, जिससे जांच की गई। जेई कृष्ण कुमार ने बताया कि बेयरींग में ऑयलिंग व ग्रीसिंग की आवश्यकता है। रिपोर्ट बनाकर विभाग की दी जा रही है।

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