जिस मैनपुरी सीट से मुलायम को मिली थी देश के रक्षामंत्री की कुर्सी क्या उसपर डिंपल कर पाएंगी कमाल

मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर 1967 में जसवंतनगर सीट से विधायक बनने के साथ शुरू हो गया था। लेकिन समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह यादव को असली पहचान मैनपुरी ने ही दिलाई।

 इसके बाद एक नहीं बल्कि सैफई परिवार के कई सदस्यों ने मैनपुरी की सीढ़ी के सहारे सियासत की सीढ़ियां चढ़ीं। मैनपुरी की ये सीढ़ी आज भी सैफई परिवार के साथ है या नहीं, इसका फैसला उपचुनाव का परिणाम ही करेगा।

मैनपुरी को मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि यूं ही नहीं कहा जाता है। मुलायम को देश के रक्षामंत्री की कुर्सी दिलाई। ये सैफई परिवार की दूसरी पीढ़ी थी तो मैनपुरी के रास्ते संसद तक पहुंची थीं।

वर्ष 2014 के उपचुनाव में सैफई परिवार की तीसरी पीढ़ी ने मैनपुरी की राजनीति में कदम रखा। मुलायम सिंह यादव द्वारा मैनपुरी सीट छोड़ने के बाद उन्होंने अपने पौत्र तेजप्रताप यादव को मैदान में उतारा।

सैफई परिवार के बेटे और बहुओं के तो राजनीति में आपने खूब चर्चे सुने होंगे,  सैफई परिवार की बेटी की राजनीति से कम ही लोग वाकिफ हैं। यहां भी मैनपुरी ने अपनी अहम भूमिका निभाई। पूरे पांच साल वे पद पर रहीं। हालांकि 2021 में उन्होंने भाजपा का दामन थामकर जिला पंचायत चुनाव लड़ा और उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।

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