प्रदेश मेरिट में तीसरे स्थान पर काबिज “मोहिनी”रही सोशल मीडियाव फोन से कोसों दूर

   *आईएएस  बन देश को ऊंचाई दिलाएगी    *भ्रष्टाचार का खत्म करेगी 

फोटो :- मोहिनी पाल अपने माता पिता और अनुज मोंटी संग प्रेस से बातचीत करती
______
जसवंतनगर( इटावा)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रदेश मेरिट में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली और जसवंतनगर के चौधरी सुघर सिंह इंटरमीडिएट कॉलेज की छात्रा मोहनी पाल ने बताया है कि वह अपनी आगे की पढ़ाई पूरा करके यूपीएससी परीक्षा क्वालीफाई करके आईएएस अधिकारी बनना चाहती है।
        शुक्रवार को घोषित बोर्ड के इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम में उसने 500 अंकों में से 483 अंक प्राप्त कर 96.4 प्रतिशत के साथ प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है । मोहनी के गणित में 100 में 99, केमिस्ट्री में पूरे 100, हिंदी में 96 ,फिजिक्स में 97 और अंग्रेजी में 90 अंक आये हैं।
    मोहिनी शुरू से ही मेधावी रही है।  उसके हाई स्कूल परीक्षा में 94.3% नंबर जब आए थे तो वह प्रदेश मेरिटस में शामिल होने से चूक गई थी। तभी से उसने तय कर लिया था कि उसे इंटरमीडिएट की परीक्षा में मेरिट में स्थान प्राप्त कर अपने कॉलेज सुघर सिंह इंटरमीडिएट कॉलेज और पिता धर्मेंद्र सिंह जो की एक साधारण किसान है तथा जसवंत नगर के जगसौरा गांव में रहते हैं ,का नाम ऊंचा करना है। उसने इंटरमीडिएट की तैयारी दिन में 18 घंटे तक की।  वह अपने कॉलेज की प्रशंसा करते नहीं अघाती है। कहती है कि उसके कॉलेज के शैक्षिक प्रबंधन ने उसे इस ऊंचाई पर पहुंचाया है। हालाकि वह कोचिंग भी करती थी, मगर सबसे ज्यादा प्रोत्साहन उसे अपने कॉलेज के प्रबंध निदेशक अनुज मोंटी यादव तथा अन्य शिक्षकों से प्राप्त हुआ है ।उसने बताया कि उसके मां और पिता दोनों उसकी उपलब्धि में बराबर के हिस्सेदार है।
     मोहनी ने सर्वाधिक खास जो बात बताई, वह यह कि वह कभी सोशल मीडिया और फोन का उपयोग नहीं करती थी। उसके माता-पिता ने उसे इस बात की हिदायत दी थी कि वह अपनी पढ़ाई पूरा करें और नाम ऊंचा करें। इसलिए उसने अपने पूरी पढ़ाई के दौरान कभी मोबाइल फोन का उपयोग नहीं किया। हालांकि इंटरनेट से वह अपने विषयों की जानकारी लेती थी ।उसने यह भी बताया कि वह आईएएस अफसर बनकर देश को आर्थिक रूप से मजबूत करना चाहती है तथा गरीब और बेसहारों का सहारा बनना चाहती है ।वह यदि आईएएस अफसर बनी, तो भ्रष्टाचार के विरुद्ध सदैव मुखर रहेगी।
*वेद व्रत गुप्ता
______

Related Articles

Back to top button