बुआ भतीजे में बढ़ रहा प्यार,मायावती ने अखिलेश यादव का जताया आभार
बुआ भतीजे में बढ़ रहा प्यार,मायावती ने अखिलेश यादव का जताया आभा
लखनऊ।पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का आभार जताया है।इससे एक बार फिर यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि कहीं बुआ भतीजे में प्यार तो नहीं बढ़ रहा है।दरअसल अखिलेश यादव ने भाजपा विधायक की मायावती के खिलाफ टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव के इस स्टैंड ने मायावती का दिल जीत लिया है।मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक के बाद एक कई पोस्ट की है।
मायावती ने एक्स पर लिखा कि सपा मुखिया ने मथुरा जिले के एक भाजपा विधायक को उनके गलत आरोपों का जवाब देकर बीएसपी प्रमुख के ईमानदार होने के बारे में सच्चाई को माना है,उसके लिए पार्टी आभारी है। जबकि भाजपा को इस विधायक के बारे में ऐसा लगता है कि उसकी अब पार्टी में कोई पूछ नहीं रही है। इसलिए वह बसपा प्रमुख के बारे में अनाप-शनाप बयानबाजी करके सुर्खियों में आना चाहता है, जो अति-दुर्भाग्यपूर्ण है।
मायावती ने आगे लिखा कि भाजपा को चाहिए कि वह उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे और यदि वह दिमाग़ी तौर पर बीमार है तो उसका इलाज भी जरूर कराए, वरना इसके पीछे भाजपा का कोई षड़यंत्र ही नजर आता है, यह कहना भी गलत नहीं होगा। यदि भाजपा अपने विधायक के विरुद्ध कोई भी सख़्त कार्रवाई नहीं करती है तो फिर इसका जवाब पार्टी के लोग अगले विधानसभा चुनाव में उसकी ज़मानत जब्त करा कर तथा वर्तमान में होने वाले 10 उपचुनावों में भी इस पार्टी को जरूर देंगे।
बता दें कि राजेश चौधरी मथुरा से भाजपा के विधायक हैं।
राजेश चौधरी ने एक टीवी शो के दौरान पूर्व सीएम मायावती को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि मायावती यूपी के इतिहास की सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हैं।मायावती को सीएम बनाना बीजेपी की बड़ी भूल थी।इसके बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी।अखिलेश ने एक्स पर लिखा कि उप्र के एक बीजेपी विधायक द्वारा एक भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री जी के प्रति कहे गये अभद्र शब्द दर्शाते हैं कि भाजपाइयों के मन में महिलाओं और खासतौर से वंचित-शोषित समाज से आने वालों के प्रति कितनी कटुता भरी है।
अखिलेश यादव ने आगे लिखा कि राजनीति मतभेद अपनी जगह होते हैं,लेकिन एक महिला के रूप में उनका मान-सम्मान खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। भाजपाई कह रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर हमने गलती की थी, ये भी लोकतांत्रिक देश में जनमत का अपमान है और बिना किसी आधार के ये आरोप लगाना कि वो सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री थीं, बेहद आपत्तिजनक है। भाजपा के विधायक के ऊपर, सार्वजनिक रुप से दिये गये इस वक्तव्य के लिए मानहानि का मुक़दमा होना चाहिए।
अखिलेश यादव ने आगे लिखा कि भाजपा ऐसे विधायकों को प्रश्रय देकर महिलाओं के मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुंचा रही है। अगर ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ भाजपा तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो मान लेना चाहिए, ये किसी एक विधायक का व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि पूरी भाजपा का है।