टावा-10 अप्रैल,2024– मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि गर्मी और लू से बचाव के लिए हमें क्या करना चाहिये तथा क्या नही करना चाहिये। उन्होंने बताया कि हीट वेव (लू) के कारण शरीर की कार्य प्रणाली प्रभावित हो जाती है जिससे मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए इससे बचाव बहुत ही जरूरी है। थोड़ी सी सावधानी को अपनाकर इससे बचाव किया जा सकता है।

इटावा-10 अप्रैल,2024– मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि गर्मी और लू से बचाव के लिए हमें क्या करना चाहिये तथा क्या नही करना चाहिये। उन्होंने बताया कि हीट वेव (लू) के कारण शरीर की कार्य प्रणाली प्रभावित हो जाती है जिससे मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए इससे बचाव बहुत ही जरूरी है। थोड़ी सी सावधानी को अपनाकर इससे बचाव किया जा सकता है
क्या करें / क्या न करें
अधिक से अधिक पानी पीयें।, पसीना जोखने वाले पतले व हल्के रंग के वस्त्र ही पहने।,धूप में जाने से बचे धूप में जाने से बचें,यदि धूप में जाना जरूरी हो तो चश्मे छाते,टोपी व चप्पल आदि का प्रयोग करें।,यदि आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर,चेहरा, हाथ-पैरों को गीले कपडे से ढके रहें और यदि सम्भव हो तो छाते का उपयोग करें।, यात्रा करते समय अपने साथ पर्याप्त मात्रा में पीने का स्वच्छ पानी रखें।,ओ-आर-एस घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (मांड) नीबू पानी ,छाछ आदि का उपयोग करें ताकि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके।,हीट स्ट्रोक (लू) हीट रैश (घमौरिया) हीट क्रैंप (मरोड/ऐठन) के मुख्य लक्षणों में शरीर में कमजोरी का होना, चक्कर आना, सिर में तेज दर्द, उबकाई का आना, पसीना आना और कभी-कभी मूर्छा (बेहोशी) आना प्रमुख हैं।,यदि मूर्छा या बीमारी का अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सीय सलाह से उपचार ले।,
घरेलू/पालतू जानवरों को छायादार स्थानों पर रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पीने को दें।,अपने घरों को ठंडा रखें,खिड़कियों पर पर्दे लगवाना उचित होता है। सायंकाल व.प्राताकाल के समय घर के दरवाजे खिड़कियों को खोलकर रखें ताकि कमरे ठंडे रहे।,श्रमसाध्य कार्यों को ठंडे समय में करने/ कराने का प्रयास करें। कार्यस्थल पर पीने के ठंडे पानी की व्यवस्था करें। कर्मियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें।,पंखे,गीले कपड़ों का उपयोग करें तथा स्नान करें।तथा गर्भस्थ महिलाओं छोटे शिशुओं व बड़ी उम्र के लोगों की विशेष देखभाल करें।
क्या न करें ।
बच्चों व पालतू जानवरों को खड़ी कारों / गाडियों में न छोड़े ।,यदि संभव हो तो दोपहर 11:00 बजे से अपर 400 के मध्य धूप में निकलने से बचें , गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े पहने।,जब बाहर का तापमान अधिक हो तो श्रमसाध्य कार्य न करे।

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