नवरात्रि मंगलवार से, मंदिर सजाये गये, ब्राह्मणी देवी मेले के लिए व्यापक प्रबंध
कलश स्थापना के साथ घर-घर बिराजेगी, दुर्गा मैया *डीएम,एसएसपी ने ब्रह्माणी का दौरा किया * चढ़ेंगे घंटे- झंडे और रहेगी लांगुरिया की गूंज
फोटो :- ब्राह्मणी मंदिर, इनसेट में देवी तथा जिलाधिकारी एसएसपी मंदिर का दौरा करते
जसवंतनगर(इटावा) हिंदू पंचांग के अनुसार 9 अप्रैल, मंगलवार से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। घरों और मंदिरों मे देवीपूजा की तैयारी कर ली गई हैं। देवी मंदिरों को सजाया गया है तथा विभिन्न आयोजनों के लिए व्यवस्थापन व्यवस्था की है।
जसवंत नगर क्षेत्र में यमुना के बीहड़ों में विराजमान” देवी ब्राह्मणी” का मंदिर है, जहां चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से ही मेले का आयोजन शुरू होने जा रहा है।
मंदिर स्थल को भव्य ढंग से सजाया गया है और प्रशासन ने यहां दर्शनों के लिए आने वाली भारी भीड़ के लिए बेहतर इंतजामों को अंजाम दिया है।
उल्लेखनीय है कि देवी ब्राह्मणी का मंदिर सैकड़ो वर्ष पुराना है। इसमें विराजित देवी मैया के दर्शनों से लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इसलिए न केवल इटावा जिले बल्कि आसपास के जनपदों और पूरे उत्तर प्रदेश से लोग दर्शनों को आते हैं। ग्रामीणों की तो भारी भीड़ रोज ही छुट्टी है और अष्टमी नवमी के दिन यह भीड़ लक्खी भीड़ में बदल जाती है। यहां चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से ही झंडा- घंटे चढ़ना शुरू होते हैं ।
एक अनुमान के अनुसार चैत्र नवरात्रि में ब्राह्मणी देवी मंदिर पर 1000 से ज्यादा झंडा और 2500 से ज्यादा घंटे चढ़ते हैं ।
बताया गया है कि थाना बलराई पुलिस की अगुवाई में यहां पर भारी पुलिस और पीएसी बल तैनात किया जा रहा है। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे लगाए गये है। वेरिकेटिंग भी की गई है, ताकि भीड़ में लोग वाहनों को लेकर मंदिर की तरफ न बढ़ सके।
जसवंत नगर कस्बा में विराजमान केला त्रिगमा देवी मंदिर को भव्यता से सजाया गया है । पूरे मंदिर पर जगमग लाइट लगाई गई है। यहां भी रोजाना महिला, पुरुष और बच्चे देवी दर्शन को पहुंचेंगे। साथ ही झंडा-घंटा और प्रसाद लोग चढ़ाएंगे।
जसवंत नगर क्षेत्र में धरबार की देवी का भी बहुत महत्व है। यहां भी अष्टमी और नवमी के दिन मेला लगता है और आसपास के ग्रामीण लोग न केवल दर्शनों को आते हैं बल्कि झंडे- घंटे चढ़ाते हैं।
नवरात्रि की पूजा के लिए घरों में भी श्रद्धालुओं ने तैयारियां की हैं। लोग कलश स्थापना और अखंड ज्योति जलाने की तैयारी भी कर रहे हैं।किसी भी धार्मिक अनुष्ठान से पहले कलश स्थापना की जाती है।
नवरात्रि में दुर्गा की घटस्थापना या कलश स्थापना के बाद देवी मां की चौकी स्थापित की जाती है तथा 9 दिनों तक देवी के नौ रूपों का पूजन-अर्चना होती है। कलश को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है.
मां भवानी दुर्गा की पूजा करने से पहले कलश की पूजा की जाती है।नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
सालभर में कुल 4 नवरात्रि आती हैं ,जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व काफी ज्यादा होता है। माना जाता है कि नवरात्रि में माता की पूजा-अर्चना करने से देवी दुर्गा की खास कृपा होती है। मां दुर्गा की सवारी वैसे तो शेर है, लेकिन जब वह धरती पर आती हैं, तो उनकी सवारी बदल जाती है । एक विद्वान आचार्य ने बताया है कि इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर धरती पर आएंगी।
नवरात्रि पूजा के लिए बाजारों में भी दुकानें सजाई गई और उन पर पूजा अर्चना का समान को खरीदने वाले भक्तगणों की भीड़ देखी गई। बहुत से श्रद्धालु और ग्रामीण झंडा सजाने के लिए सामान खरीद रहे थे। भक्तगण माता दुर्गा की मूर्तियां, उनके लिए ड्रैशे, चुनरी,श्रंगार का सामान,मालाएं आदि सामान खरीद रहे थे।
पंसारियों की दुकानो से भी पूजा अर्चना का सामान खरीदा जा रहा था। इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में हवन सामग्री और कपूर के दाम बढ़े होने से लोग इन्हें खरीद तो जरूर रहे थे, मगर कम मात्रा ले रहे थे। बाजारों में धूप बत्ती अगरबत्ती आदि की भी नई वैरायटी आई हुई थी।
जिलाधिकारी ने किया देवी ब्राह्मणी मंदिर का दौरा
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जिलाधिकारी अवनीश राय एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा द्वार चैत्र नवरात्रि मेले के लिये चल रहे तैयारियो का जसवंतनगर स्थित ब्रह्माणी देवी मंदिर पहुंचकर मंदिर पर 9 दिन तक चलने वाले मेले को लेकर फायर स्टेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने साथ ही साथ सेनेटाइजर अवश्य कराने के निर्देश दिए उन्होंने ब्रह्माणी देवी मंदिर पर मंदिर के पुजारी को निर्देशित किया कि मंदिर परिसर के अंदर ईंट पत्थर गिट्टी एवं कोई भी अनावश्यक चीज नहीं होनी चाहिए जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या हो। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु जिस रास्ते पर आते हैं, उस रास्ते पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था आज से ही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने ब्रह्माणी देवी मंदिर पर पुजारी से पूछताछ कर मंदिर की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। ,पुजारी द्वारा बताया गया कि नवरात्रि के प्रथम दिन 20 से 25 हजार तक श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं । उन्होंने उप जिलाधिकारी जसवन्तनगर को निर्देशित करते हुए कहा कि 9 दिन तक चलने वाले मेले को लेकर तीन शिफ्ट में अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए, जिससे यहां पर कोई भी समस्या ना हो । उन्होंने छुट्टा गोवंश को लेकर संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि गोवंशों को तत्काल नजदीकी गौशाला में भिजवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने मंदिर परिसर में साफ सफाई, हटाये जाने वाले अतिक्रमण आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने यात्रियों की सुविधा के लिये दर्शन हेतु लगने वाले लाइन वाले मार्गो में धूप से बचने के लिये टेन्ट लगवाने का निर्देश दिया तथा मन्दिर से लगभग 500 मीटर पहले बैरीकेटिंग लगाकर समस्त वाहनो के प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगाने का निर्देश देते हुये कहा कि ड्यूटी में तैनात अधिकारियों के अलावा सभी के वाहन वाहन स्टैण्ड पर खड़े किये जाए कोई भी प्राइवेट वाहन अन्दर नही जायेगा। मन्दिरों में दर्शन के लिये बैरीकेटिंग, प्रकाश व्यवस्था आदि का निरीक्षण किया गया। मंदिर में दर्शन करने जाने वाले यात्रियों की छाया की व्यवस्था का निर्देश दिया तथा दुकानदारों को हिदायत दी गयी कि अपने दुकान का सामान अपनी सीमा के अन्दर ही रखे। सड़को पर अतिक्रमण न करे ताकि यात्रियों के आने जाने में असुविधा न हो । उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में पेयजल की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव, उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी , थाना प्रभारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
-वेदव्रत गुप्ता
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