इटावा के “समृद्ध इतिहास” पर विद्वानों ने  डाला विस्तार से प्रकाश

    *दो दिवसीय गोष्ठी का समापन      *मुलायम सिंह इटावा की विरासत :डॉक्टर शैलेंद्र शर्मा      *चरण सिंह कालेज में ऐतिहासिक आयोजन

 

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    फोटो:- दूसरे दिन गोष्ठी का शुभारंभ होता, जीवाजी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर  का सम्मान करते डॉक्टर शैलेंद्र शर्मा
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सैफई/जसवंत नगर(इटावा)।चौधरी चरण सिंह पीजी कॉलेज  हैंवरा में आयोजित दो दिवसीय   राष्ट्रीय संगोष्ठी का  मंगलवार को समापन हुआ। 

           “इटावा परिक्षेत्र के समृद्ध इतिहास” के अन्वेषण विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी के तृतीय सत्र में विषय परिवर्तन करते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने इटावा के सांस्कृतिक प्रदेय पर व्यापक प्रकाश डालते हुये इटावा के सांस्कृतिक विकास में धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादव  एवं महाविद्यालय के अध्यक्ष प्रबंध समिति  शिवपाल सिंह यादव के योगदान का उल्लेख किया। 
       
प्रथम वक्ता के रूप में डॉक्टर योगेश कुमार यादव शासकीय पीजी कॉलेज, दतिया मध्य प्रदेश  ने इटावा के क्षेत्रीय इतिहास पर चर्चा करते हुए कहा कि चौहान वंश के शासक सुमेरशाह शाह का इटावा के विकास में  उल्लेखनीय योगदान  रहा है। 
     इटावा में खनन कार्यों के दौरान काफी ईंट मिलने के कारण इटावा के नामकरण  पर प्रकाश डाला। 
    डा बबिता सिंह ने सैफई में ताम्र पाषाणिक संस्कृति के अवशेष मिलने और इसका उल्लेख इटावा गजेटियर में न होने  का उल्लेख किया।           डॉ रवि कुमार ने पुरातात्विक स्थलों के खुदाई से प्राप्त अवशेषों की कार्बन डेटिंग और नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डाला । डॉक्टर मनोज अवस्थी, माधव महाविद्यालय, ग्वालियर ने कहा इतिहास का यत्न पूर्वक रक्षा करनी चाहिए।
      आचार्य चाणक्य ने कहा है की संपत्ति के नष्ट हो जाने पर हम उसे पुनः प्राप्त कर सकते हैं ,लेकिन यदि इतिहास नष्ट हो गया, तो दोबारा नहीं मिल  सकता है। जब तक हम अपने इतिहास को नहीं जानेंगे, तब तक हम अपना विकास नहीं कर सकते हैं ।  
      अगले वक्ता के रूप में डॉक्टर मंजू यादव ने इटावा की संस्कृति और लोकगीतों पर व्यापक  चर्चा करते हुए अपनी इटावा की लोक संस्कृति का उल्लेख किया।
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    *वेदव्रत गुप्ता
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