विशेष -वर्ल्ड हियरिंग डे (3 मार्च) -बदलती मानसिकता-आइए कान और सुनने की देखभाल को सभी के लिए वास्तविकता बनाएं की थीम पर मनाया जाएगा वर्ल्ड हियरिंग डे

इटावा। हर साल 3 मार्च को श्वर्ल्ड हियरिंग डेश् मनाया जाता है इस दिवस का मनाने का उद्देश्य लोगों को बहरेपन की समस्या के प्रति जागरूक करना इसी उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2007 से वर्ल्ड हियरिंग डे मनाने की घोषणा की थी। इस वर्ष इस दिवस की थीम ष्बदलती मानसिकता-आइए कान और सुनने की देखभाल को सभी के लिए वास्तविकता बनाएंष्पर मनाया जाएगा यह जानकारी यूपीयूएमएस ईएनटी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ .अभय कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 3 मार्च को रविवार होने के कारण 4 मार्च को विश्वविद्यालय में संगोष्ठी व जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन होगा और ओपीडी में आए लोगों को बहरेपन से बचाव के संदर्भ में जागरूक किया जाएगा।

यूपीयूएमएस ईएनटी विभाग के प्रो. जितेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि बहरेपन की समस्या के कई कारण हो सकते हैं जिसमें बढ़ती उम्र,ध्वनि प्रदूषण,सर में चोट लगना,कान में संक्रमण होना तो है ही लेकिन खराब जीवन शैली और धूम्रपान मादक पदार्थों का प्रयोग भी कान को प्रभावित करता है।क्योंकि अत्यधिक धूम्रपान व मादक पदार्थों का प्रयोग करने से भी कान का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है जिससे कान की कोमल कोशिकाएं कमजोर हो जाती हैं और सुनने की क्षमता प्रभावित होती है। इसलिए स्वस्थ जीवन शैली पौष्टिक आहार,योग और व्यायाम और सही से कान की देखरेख की जाए तो कान संबंधित समस्याओं से बचा जा सकता है।

सुनने की क्षमता बरकरार रखने के लिए ध्यान रखें ये बातें

क्या करें

– तेज आवाज वाली जगह पर काम करते समय कानों को इयर प्रोटेक्टर से बचाएं।

ईयरफोन प्रयोग कम करें यदि करें तो 20-30 प्रतिशत ही वॉल्यूम रखें।

– तेज आवाज से यथासंभव बचें।

-कान में दर्द, सूजन या बहने पर दिक्कत होने पर डॉक्टर की सलाह लें।

क्या नहीं करें

– कानों में कोई तेल या तरल पदार्थ ना डालें।

– लगातार और बार-बार बहुत तेज म्यूजिक न सुनें।

– सुनने में तकलीफ, कान में सूजन या दर्द, तो कोई भी दवा अपने मन से ना लें।

धूम्रपान और मादक पदार्थों का प्रयोग ना करें व स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं। यूपीयूएमएस में कानों से संबंधित समस्याओं के उपचार की सभी सुविधाएं हैं। डॉ जितेंद्र ने बताया कि बीईआरए, पीटीए, स्पीच थेरेपी सहित कुल 22 जांचों की सुविधा हमारे मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में कोकलियर इंप्लांट जैसी सुविधाएं भी मरीज को मिलना शुरू हो जाएंगी इसलिए कानों से संबंधित कोई भी समस्या है तो आप यहां आकर संबंधित समस्या का इलाज पा सकते हैं।

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