मौसम बदलने, बरसात होने से आलू- सरसों उत्पादक किसानों को  नुकसान

तेजी से हो रही आलू की खुदाई प्रभावित

      
   

फोटो :- खेतो में तेजी से हो रही आलू की खुदाई
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जसवंतनगर(इटावा) पिछले 24 घंटे से मौसम बिगड़ने और रुक-रुक कर बरसात होने से किसानों के लिए आफत का पैगाम आया है।
      शुक्रवार शाम से अचानक मौसम बिगडा है इंटरनेट पर मौसम के विषय में केवल बादल छाने और 15 -20% बरसात होने की उम्मीद जताई गई थी। दो-तीन दिन मौसम में बदली छाई लेने का अनुमान व्यक्त किया गया था।
    लेकिन शुक्रवार  की शाम से  जसवन्तनगर इलाके में मौसम बरसाती हो गया। पुरवइया हवा शाम से तेजी से बहने लगी । क्षेत्र में कई जगह एक से लेकर डेढ़ घंटे तक बरसात हुई, जबकि शनिवार को दिनभर मौसम खराब रहा और पूरे दिन रुक-रुक कर हुई बरसात ने न केवल मौसम में ठंडक  वापस  ला दी ,बल्कि बहुत से खेतों में पानी भर गया। खेतों में ओट आने की समस्या उत्पन्न हो गई।
     जैसा कि सभी को मालूम है कि मार्च का महीने की शुरूआत में  खेतों में आलू और सरसों की फसल पक जाती है।  गेहूं भी बाल पड़ कर पकने लगा है।
      ऐसे में आलू उत्पादक किसानों को भारी दिक्कत पेश आई है, क्योंकि आलू की खुदाई इन दिनों सब जगह तेजी से चल रही है और किसान अपना आलू  खोदकर मंडियों अथवा कोल्ड स्टोरेज में भंडारित करने के लिए  ले जा रहा है। आलू के भाव भी इस समय काफी बड़े-चढ़े हैं।
    बरसात ने खेतों में जल भराव कर दिया है ।अब कम से कम एक हफ्ता तक बहुत से  गांवों में आलू की खुदाई नहीं हो सकेगी। सरसों की फसल भी पककर खड़ी है। इस बरसात से फसल को काफी नुकसान होने की संभावना जताई गई है। यदि बरसात जारी रही तो काफी नुकसान हो सकता है। निलोई गांव के एक किसान ने बताया है कि आलू की खुदाई इस समय तेजी पर है, ऐसे में बरसात होने से खुदाई प्रभावित हुई है तथा यदि बरसात और हुई तो आलू जमीन ही में खराब हो जाएगा। बरसात से भीगने और जमीन में पानी भरने से अक्सर  आलू या तो सड़ता है अथवा  दागी होजाता है। 
          गेहूं उत्पादक किसानों ने बताया है कि हल्की बरसात तो गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है  जहां चना  बोया गया है और चना अब पक रहा है, तो इस तरह की बरसात से  चने की फसल  का उत्पादन घट सकता है।              उनका कहना है कि  यदि  बरसात तेज हुई और हवा तेज चली ,तो गेहूं की फसल गिरकर नष्ट हो सकती है ।हल्की बरसात से तो कोई ज्यादा गेहूं की फसल को नुकसान नहीं होगा, मगर यदि ओलावृष्टि हो गई तो किसानों को गेहूं उत्पादन में बड़ा भारी नुकसान होगा। किसान बरसात रुकनेकी प्रतीक्षा कर रहे थे।
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∆वेदव्रत गुप्ता

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