भारतीय

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* बाल अकादमी के अध्यक्ष डॉ. आलोक भारद्वाज के मुताबिक, बुखार अगर तीन-चार दिन से ज्यादा है तो इसे हल्के में* *न लें। सीआरपी की जांच कराइए। अगर सीआरपी ज्यादा आए तो समझ लें बैक्टीरियल बुखार है। इसके बाद लेप्टोस्पायरोसिस की जांच करानी होगी। इसके लक्षण डेंगू और वायरल से मिलते हैं। इसमें प्लेटलेट्स तेजी से नहीं डाउन* *होता है। 30 से 40 हजार तक पहुंचने के बाद रिकवर हो जाता है*।

*चूहे के मूत्र के जरिये फैल रही बीमारी*
*नवजात शिशु संघ के प्रदेश अध्यक्ष और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक राय के मुताबिक अब तक बाल लेप्टोस्पायरोसिस पीड़ित पांच बच्चों का इलाज कर चुके हैं। यह बीमारी चूहे के मूत्र के जरिये बच्चों में फैल रही है। इसमें डेंगू की तरह ही बुखार आएगा। यह शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है। पहले सामान्य बुखार होता है। लक्षण पांच से छह दिन बाद मिलते हैं। सही* *इलाज न मिले तो बुखार 10 से 15 दिन रहता है। इससे कभी पीलिया तो कभी हार्ट फेल होने का खतरा रहता है*।

*कोरोना से ज्यादा खतरनाक है बैक्टीरिया*
*बीएचयू के जीवविज्ञानी प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि लेप्टोस

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