कोल्ड स्टोरों से अब तक मात्र 40% आलू निकासी,ऊंचे भाव के इंतजार में किसान

   *आलू भाव न बढ़े, तो  फिकेगा आलू    *नया आलू आते ही भंडारित आलू की होती है मिट्टी खराब

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फोटो:-आलू की अच्छी वैरायटी। ऊपर और नीचे दाएं क्रमशः कोल्ड स्टोर मलिक डॉक्टर भुवनेश यादव, मनोज गोपी तथा नीचे बायें आढती मोहम्मद नबी

जसवंतनगर(इटावा। कोल्ड स्टोरेजों में भंडारित किए गए आलू की क्या इस बार मिट्टी छटेगी?.. और आलू सड़कों पर निकालकर फेंका जाएगा ?.. यह सवाल आजकल कोल्ड स्टोरेज मालिकों से लेकर आलू व्यापारियों और किसानों में आम चर्चा का विषय बन गए है।

    अकेले जसवंतनगर इलाके में 27 से ज्यादा कोल्ड स्टोर हैं, जिनमे इस वर्ष एक करोड़ से ज्यादा आलू के पैकेट किसानो और व्यापारियों ने मुनाफे के लिए भंडारित किए थे। मगर आलू भंडारण का समय 5 महीने से भी ज्यादा बीत जाने के बावजूद अभी तक कोल्ड स्टोरों से मात्र 35 से 40 परसेंट ही आलू की निकासी हुई है।
    मतलब साफ है कि अकेले जसवंत नगर के कोल्ड स्टोरों में इस समय 60 लाख आलू के पैकेट भंडारित हैं। इन दिनों जबकि आलू की निकासी जोरदार ढंग से होनी चाहिए थी, वह नहीं हो रही है। ज्यादातर कोल्ड स्टोर में सन्नाटे हैं।
   एक दो बड़े कोल्ड स्टोरेज से महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, राजस्थान और बिहार के लिए नियमित आलू की लोडिंग हो रही है, मगर वहां भी एक दो ट्रक ही लोडिंग के लिए लदते देखे गए हैं, अन्य कोल्ड स्टोर में आलू बिक्री की बोलियां तो लग रही है, मगर बाहर की मंडियों के लिए लदान बहुत ही कम हो रहा है।
   इन दिनों आलू का भाव400रुपए से लेकर600 रुपए तक थोक में है।600- 650 का भाव उस आलू का है, जो सर्वश्रेष्ठ क्वालिटी का है और जिसकी मांग मुंबई, दिल्ली जैसी मंडियों से हो रही है,जबकि अन्य आलू 400 – 500 रुपए पैकेट ही बिक रहा है।
    अब आलू भंडारण की समाप्ति कासमय भी पास आता जा रहा है। मात्र ढाई महीने ही शेष हैं, इसके बाद कोल्ड स्टोरेज मालिक अपने कोल्ड स्टोरों की प्रशितन मशीनों को बंद कर देंगे। हद 30 नवंबर तक ही आलू का भंडारण कोल्ड स्टोरों में रहता है। इसके बाद टेंपरेचर मेंटेन मशीनों को बंद कर दिया जाता है
     अंकुर कोल्ड स्टोर जसवंतनगर के मालिक मनोज यादव ‘गोपी’ तथा तुलसीराम शीत ग्रह के मालिक सुबोध यादव इंजीनियर ने बताया है कि जिस समय किसानों ने अपना आलू भंडारित किया था, उस समय भाव 300 और 400 रुपया उन्हें बिक्री करने पर मिल रहा था। अब कोल्ड स्टोर का भंडारण शुल्क, वारदाना और पल्लेदारी का खर्च मिलाकर आलू 500 –  550 रुपए पैकेट भाव पर किसानों और व्यापारियों का कोल्ड स्टोरेज में भंडारित है। किसान और व्यापारी आलू के भावों के ऊंचा होने का इंतजार कर रहे हैं। वह इसी इंतजार के कारण कोल्ड स्टोरेज से अपने आलू की निकासी नहीं करा रहे हैं।
     आत्माराम कोल्ड स्टोरेज के प्रबंधक मधुकांत मिश्रा तथा जसवंत नगर शीतग्रह के प्रबंधक नरेंद्र मिश्रा ने बताया है कि मई महीने से आलू की निकासी शुरू होती है। जुलाई ,अगस्त में बरसात होने पर हरी सब्जियों की कमी होने पर आलू के भाव ऊंचे हो जाते हैं, मगर इस बार बरसात कम होने से हरी सब्जियों के भाव कुछ उंचे तो हुए ,मगर मंडियों में सब्जियों की आवक कम नहीं हुई। टमाटर के भाव तेज होने से आलू की खपत में कम रही। इस वजह से आलू के भाव 400 से लेकर 500 और 600 पर ही स्थिर बने हुए हैं, जबकि 2022 में इन  दिनों आलू का भाव 800रुपए के आसपास छू गया था।
   जसवंत नगर मंडी के प्रमुख आलू और सब्जी आढती मोहम्मद नबी ने बताया कि इस बार नवंबर तक कोल्ड स्टोरेज से 100% आलू की निकासी असंभव है। कम से कम 20 से 25 परसेंट तक आलू इस बार शीतग्रहों में पड़ा रह जाने वाला है, जिसे बाद में मिट्टी मोल या तो बेचा जाएगा अथवा आलू सड़ जाएगा और फिंकेगा। 
उन्होंने बताया कि इटावा जिले के बसरेहर इलाके और नवीगंज से नया आलू अक्टूबर के दूसरे तीसरे हफ्ते तक बाजारों और मंडियों में आना शुरू हो जाएगा। उस समय कोल्ड स्टोर के आलू का उपयोग नाम मात्र को ही रह जाएगा, क्योंकि कोल्ड स्टोर में रखा आलू एक तो मीठा हो जाता है तथा वह केवल चाट पकौड़ी के ही काम आता है। वह महाराष्ट्र में बड़ा पाव आदि बनाने में प्रयोग होता है और वहीं उसकी मांग शेष रह जाती है।
      संतोष भुवनेश कोल्ड स्टोर के मालिक डॉक्टर भुवनेश कुमार यादव ने बताया है कि यदि हाल फिलहाल में देश भर में  बरसात हो जाए और बाढ़ से फसलें खराब हो जाए तथा सब्जियों की फसल को नुकसान जबरदस्त ढंग से हो, तभी आलू के भाव में तेजी संभव है।
दाऊजी कोल्ड स्टोरेज के मालिक राम नरेश यादव पप्पू तथा राधावल्लभ कोल्ड स्टोरों के मालिक अनिल प्रताप सिंह यादव ने बताया है कि  अभी कोल्ड स्टोरों में रखें आलूओं में से 25 से 30 परसेंट आलू बीज के लिए भले ही किसान निकाल लेगा, फिर भी कोल्ड स्टोरों का नवंबर तक खाली होना मुश्किल ही लग रहा है। जिससे भंडारित आलू के सड़ने और फिकने की संभावना ज्यादा है।
    आलू व्यापार से बरसों से जुड़े विशेषज्ञ व्यापारियों का कहना है कि यह वर्ष लोंद की साल है, इस तरह के वर्षों में कभी किसानों -व्यापारियों को आलू व्यापार में फायदा होते नहीं देखा गया है। आलू के प्रमुख व्यापारी हाजी मोहम्मद अहसान ने कहां है कि किसानों के लिए यह उचित है कि अभी जो भाव उन्हें मिल रहे हैं उन पर अपने आलू की निकासी कर पैसा वसूली कर लें।  आगे आलू भाव बढ़ने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है।
    जसवंतनगर क्षेत्र के शीतगृहों के मालिकों विनोद यादव लंबरदार, दुष्यंत सिंह यादव’भूरे’ तथा धनवेंद सिंह यादव  आदि ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह किसानों के फायदे के लिए आलू के निर्यात की व्यवस्था करे,तो आलू उत्पादक किसान और भंडारको को राहत फायदा मिल जाएगा।
*वेदव्रत गुप्ता
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फोटो:-आलू की अच्छी वैरायटी। ऊपर और नीचे दाएं क्रमशः कोल्ड स्टोर मलिक डॉक्टर भुवनेश यादव, मनोज गोपी तथा नीचे बायें आढती मोहम्मद नबी

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