14 अगस्त भारतीय इतिहास का काला दिवस था, इस दिन हुए देश के बंटवारे के दर्द को कभी भी भुलाया नही जा सकता

भाजपा जिलाध्यक्ष गोरखपुर युधिष्ठिर सिंह ने की प्रेस वार्ता

  1. गोरखपुर -14 अगस्त भारतीय इतिहास का काला दिवस था, इस दिन हुए देश के बंटवारे के दर्द को कभी भी भुलाया नही जा सकता। उक्त बातें पाली में प्रेस वार्ता करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि भारत मे 14 अगस्त का दिन ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण दिन रहा जिस दिन भारत का भूगोल, समाज और संस्कृति सभी का बँटवारा हो गया। नफरत और हिंसा ने लाखों लोगों को अपने घरों से विस्थापित किया,लाखों की संख्या में जानें गयी। अखण्ड भारत के आज़ादी के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख को आसुओं से लिखकर रक्त रंजित कर दी गयी। देश का विभाजन हो गया। भारत विभाजन की पीड़ा को भुलाया नही जा सकता है। यह दिन भारत के लोगों के संघर्ष और बलिदान का प्रतीक है। अंग्रेजों की फुट डालो राज करो कि नीति कारगर साबित हुई,भारत का विभाजन हुआ। दिल्ली के मंदिर मार्ग पर चल रही सभा मे बंगाल से आये तत्कालीन न्यायमूर्ति निमर्ल चन्द्र चटर्जी ने कहा था कि 03 जून को ब्रिटिश सरकार द्वारा दिया गया विभाजन का प्रस्ताव को कांग्रेस का स्वीकार करना न केवल बड़ी गलती था बल्कि करोड़ो भारतीयों के पीठ पर छुरा घोपा था। पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिये न सिर्फ देश का विभाजन कराया बल्कि लाखों लोगों के खून से भारत भूमि को नहला दिया। डॉ भीमराव अंबेडकर ने अपने पुस्तक थॉट्स ऑन पाकिस्तान में तत्कालीन नेहरू और कांग्रेस के रवैये की आलोचना की है। अम्बेडकर विभाजन के खिलाफ थे।
    जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह ने कहा कि 14 अगस्त विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में देश सदैव अपने स्मृतियों में याद रखेगा।

Related Articles

Back to top button