फर्जी वसीयत बनाकर मामा भांजे ने 36 बीघा जमीन बेच दी

  *दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

    जसवंतनगर(इटावा) पैतृक जमीन के फर्जी दस्तावेज के  बलबूते एक  मामा भांजे ने  अपने नाम से फर्जी वसीयत बनवाकर और  जमीन अपने नाम दर्ज कराकर उसे बेच देने  का मामला  खेड़ा बुजुर्ग गांव में प्रकाश में आया है।
   पुलिस ने उक्त गांव निवासी राकेश शर्मा की तहरीर पर धोखाधड़ी का मुकद्दमा दर्ज किया है। 
तहरीर में उन्होंने बताया है कि 36 बीघा उनकी अपनी पैतृक जमीन है ,जो मेरे पिता जमुना प्रसाद के नाम दर्ज थी । 48 वर्ष पूर्व 1975 में  उनका निधन हो गया था। तभी  मेरी नौकरी भोपाल मध्य प्रदेश में लग गई  थी।
   मेरे जाने के उपरांत मेरे दूर दराज के चचेरे भाई प्रवल प्रताप सिंह ने 1982 में एक फर्जी वसीयत मेरे पिता के नाम की बनवा ली। वसीयत में जमुना प्रसाद के कोई भी पुत्र नहीं लिखा बताया गया है। जब मामला न्यायालय पहुंचा तो मेरे द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, तो वसीयत को खारिज कर दिया गया। 
    बाद में प्रबल प्रताप सिंह ने अपने भांजे सुधीर कुमार के नाम से फर्जी वसीयत तैयार की और पैतृक संपत्ति को अपने नाम करवाने का प्रयास किया। कही पर भी मेरे हस्ताक्षर नहीं थे ।ऑर्डर सीटों पर सुधीर के ही हस्ताक्षर थे। उसने ही फर्जी दस्तावेज के आधार पर न्यायालय को मेरा गलत पता बताकर मेरी संपत्ति अपने नाम कराने के आदेश अपने पक्ष में करा लिए। 
 वाद में मुझे पक्षकार न बनाकर मेरे मृत पिता को पक्षकार बनाया।  इस पर कोर्ट से मैंने स्टे  आर्डर लिया। फिर भी फर्जी व कूट रचित दस्तावेज तैयार कर मामा प्रवल प्रताप व भांजे सुधीर ने मेरी संपत्ति को अन्य व्यक्तियों को बेच दिया। 
    पुलिस ने  इस मामले में प्रबल प्रताप सिंह व सुधीर कुमार के खिलाफ धारा 420, 467, 468,471 के तहत मामला दर्ज किया है।
______वेदव्रत गुप्ता

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