कृष्ण कन्हैया ने जगत पिता ब्रह्मा का भी अभिमान तोड़ा था: स्वामी महेशाचार्य

*छप्पन भोग के दर्शन कर श्रद्धालु  गदगद

   फोटो:- भागवत कथा में प्रवचन करते आचार्य महेसाचार्य जी महाराज तथा कथा स्थल पर जुटी भीड़ 
जसवंतनगर(इटावा)। भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं  की कथाएं अपरंपार हैं। उन्होंने अपनी बाल लीलाओं के दौरान अनेक राक्षसों का तो वध किया ही था ,एक बार जगत पिता ब्रह्मा का भी अभिमान और घमंड चकनाचूर कर दिया था।  ब्रह्मा को उनके चरणों पर गिरकर अपनी भूल स्वीकार करनी पड़ी थी।
       
यह बात  पुरुषोत्तम मास में नगर के लोहामंडी स्थित नुनहैया के शिव मंदिर में चल रही मद भागवत कथा के चौथे दिन मद्भागवत कथाचार्य तथा  युवा संत महेशाचार्य जी महाराज ने अपने प्रवचनों में बताई। 
    उन्होंने कहा कि जब भगवान कृष्ण 4 वर्ष के थे और गाय चराते थे, तो एक बार ब्रह्मा जी ने जाकर उनकी सारी गायों और उनके संगी बाल गोपालों का हरण कर लिया था। इस पर भगवान कृष्ण वेश बदलकर ब्रह्मा जी से पहले उनके प्रसाद में पहुंच गए थे। वहां तैनात द्वारपालों से कह दिया था कि अब कोई ब्रह्मा की शक्ल में आए तो उसे बहरूपिया मानना और सिंहासन की ओर बढ़ने न देना। 
   इस पर जब ब्रह्मा जी वहां स्वयं पहुंचे थे और द्वारपालों ने उन्हें रोक कर भीतर जाने से मना कर दिया था, तो फिर काफी अनुनय विनय के बाद जब असली ब्रह्मा जी सिंहासन के पास पहुंचे तो वहां देखा कि भगवान कृष्ण  बांसुरी लिए ब्रह्मा के रूप में खुद विराजमान थे।इस पर ब्रह्मा को फिर भगवान कृष्ण से अपने अभियान के लिए क्षमा मांगनी पड़ी थी ।
    स्वामी जी ने प्रवचन करते कहा कि गांयें हमारे धर्म की प्रतीक है और इनकी रक्षा करना हम सबका धर्म है। बाल लीलाओं के वर्णन में महेशाचार्य महाराज ने  कंस द्वारा भेजे गए अनेक राक्षसों के वध की कथा सुनाई ।
   “सखी मोहे लागे वृंदावन नीको..” भजन का जब व्यास पीठ से स्वामी जी ने गायन किया, तो भागवत कथा स्थल पर मौजूद महिलाएं कृष्ण रंग में रंग कर नृत्य करने लगी। 
       गुरुवार को बाल लीलाओं के दौरान भगवान बांके बिहारी लाल का छप्पन भोग विनोद कुमार गुप्ता अमूल एजेंसी वालों ने लगवाया।
     कथा आयोजिका भारती पाठक, मेघा गुप्ता, संध्या गुप्ता, विनीता गुप्ता, उषा गुप्ता, कुमकुम पोरवाल, पद्मा गुप्ता आदि के अलावा संजीव पाठक मुरली,आशीष चौरसिया, राजीव गुप्ता, तनु गुप्ता,हनी गुप्ता,मयंक गुप्ता,अखिल कुमार, शुभ गुप्ता, मोना, सचिन आदि कथा में सहयोग कर रहे।
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  *वेदव्रत गुप्ता 

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