भारती मंसूरी एसोसिएशन में आपसी विवाद गहराया

इटावा। इस समय भारती मंसूरी वेलफेयर एसोसिएशन में आपसी खींचतान मची हुई है। विवाद इतना गहरा गया है कि वर्चस्व को लेकर दोनो पक्ष एक दूसरे पर लगा रहे है आरोप और प्रत्यारोप।

स्थानीय होटल पर वर्तमान मंसूरी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शाहिद मंसूरी लड्डन ने अपने पूर्व सचिव सफी अहमद बालक को प्रेसवार्ता करके उन्हें आइना दिखाते हुए कहा कि एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष मेरे पिता मरहूम हाजी अब्दुल मन्नान मंसूरी ने अपनी एसोसिएश के सचिव मोहम्मद सफी अहमद बालक को उनके निजी स्वार्थों के क्रिया कलापों के कारण अपने जीते जी उन्हें निकाल दिया था। क्योंकि वह एसोसिएशन के नाम से आवंटित भूमि को अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु अपने व अपने परिजनों के लिए दुकानें बनाने के लिए जगह मांग रहे थे ।जिसे उन्होंने नही दिया। क्योंकि यह भूमि कौम और समाज की अमानत है।इस भूमि पर मुस्लिम मुसाफिर खाना व अन्य जनहित कार्यों के लिए किया जाएगा।शाहिद मंसूरी ने कहा कि आज हमारे पिता मरहूम हाजी अब्दुल मन्नान ख़ान इस दुनियां में नही है, अब मंसूरी समाज उनके उस सपनों को पूरा करेगा जिसमें उन्होंने गरीब और मिस्कीन बच्चे और बच्चियों की शादी करने के लिए मुसाफिर खाना बनाया जाए। जिन लोगों ने उनके इस महान कार्य करने में रोड़े अटकाए थे हाजी ने ऐसे स्वार्थी तत्वों को अपने जीते जी संगठन से निकाल कर बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस बात के अतिरिक्त शाहिद मंसूरी ने एक छह प्रष्ठीय प्रेस नोट भी पत्रकारों को दिया जिसमें इस भूमि को बचाने के लिए उनके पिता हाजी की तथ्यात्मक संघर्ष की कहानी है। प्रेसवार्ता में हाजी हन्नान मंसूरी चांद, मोहम्मद शब्बीर मंसूरी, मोहम्मद इकबाल मंसूरी, गुफरान अहमद, नौमान आलम, राज मंसूरी, चांद वारसी, बन्ने मियां, मोहम्मद असलम मंसूरी मोहम्मद रशीद मंसूरी, हाफिज फैयाजउद्दीन मंसूरी, एडवोकेट जियाउल हक मंसूरी मौजूद रहे।

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