छुरियों का मातम कर इमाम हुसैन की मुसीबत को याद किया
इटावा। शिया समाज के मोहर्रम के अलविदाई ताजिओ का जुलूस आलमपुरा से परम्परागत तरीके से मौलाना अनवारुल हसन जैदी के नेतृत्व व मुशीर हैदर, राहत अक़ील की देखरेख में अदबो एहतराम के साथ निकला ताजियों को बाइस ख्वाजा कब्रिस्तान में गमगीन माहौल में सुपुर्द ए खाक किया गया।
मोहर्रम के अलविदाई ताजिओ का जुलूस शनिवार की सुबह मोहल्ला आलमपुरा से उठा और कोतवाली चौराहा, जिला परिषद कार्यालय, तिकोनिया, पुल कहारान, नोरंगबाद चौराहा, शाही मस्जिद नोरंगबाद, पक्का तालाब होते हुए बाइस ख्वाजा स्थित कब्रिस्तान पहुंचा जहां गमगीन माहौल में सुपुर्दे खाक किया गया। जुलूस में एक बड़ा ताजिया सहित दर्जनों छोटे ताजिये, अलम, इस्लामी परचम शामिल थे। शिया युवक व बच्चे हाथों में अलम, इस्लामी परचम और छोटे छोटे ताजिये लेकर आगे चल रहे थे। ताजियों के भ्रमण के दौरान शिया युवकों व बच्चों ने शाही मस्जिद व नोरंगबाद पुलिस चौकी के पास पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी छुरियों और कमा का मातम कर अपने आप को लहूलुहान कर कर्बला में इमाम हुसैन की मुसीबतों को याद किया। नोरंगबाद चौराहे पर मौलाना मिर्जा अज़हर अब्बास दिल्ली, शाही मस्जिद के पास मौलाना अनवारुल हसन जैदी ने अपनी तकरीर में इमाम हुसैन व शहीदाने कर्बला का दर्दनाक मंजर पेश किया। जुलूस में जाफर ईरानी, राहिल सगीर, जामिन अब्बास, कैफ वारसी ने मातमी नोहा ख्वानी की, राहत हुसैन रिज़वी, शावेज़ नक़वी, आरिफ हैदर ने सदायें पढ़ीं। ताजियों के जुलूस व छुरियों का।मातम देखने वालों से सड़कों पर जाम लग गया। जुलूस में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते ताजिये शांतिपूर्ण माहौल में सुपुर्द ए खाक हुए। इसके उपरांत इमामबाड़ा घटिया अज़मत अली और इमामबाड़ा आलमपुरा में शाम ए गरीबां की मजलिसों का आयोजन किया गया।