शहर में अलविदाई मजलिसों का आयोजन किया गया

 

इटावा। इमाम हुसैन और शहीदाने कर्बला की याद में जहां शहर में अलविदाई मजलिसों का आयोजन किया गया वहीं मोहल्ला आलमपुरा से मुशीर हैदर के कदीमी ताजिये ने परम्परागत तरीके से शहर में मातमी नोहाख्वानी के साथ गश्त किया।

आलमपुरा इमामबाड़े में शानू व टीएच रिजवी की ओर से आयोजित मजलिस मौलाना मिर्जा अज़हर अब्बास दिल्ली ने तकरीर करते हुए कहा इमाम हुसैन ने हाकिमे शाम से बैयत नही की और एलान कर दिया कि मेरे जैसा तेरे जैसे की कभी बैयत नहीं करेगा।हुसैन फरमाते हैं कि हम कर्बला जुल्म करने फसाद करने नहीं जा रहब हैं बल्कि अपने नाना की उम्मत की इस्लाह के लिए जा रहे हैं।

मेरा इरादा है कि हम इंसान को बुराई से रोकें और नेक रास्ते पर चलने की हिफ़ायत दें। कर्बला में हुसैन इस्लाम बचाने के लिए जंग लड़ी और दुश्मन इस्लाम को मिटाने के लिए जंग लड़ रहे थे। आज जो इस्लाम जिंदा है यह कर्बला में इमाम हुसैन की फतह का प्रमाण है। तस्लीम रज़ा, सलीम रज़ा, जहूर नक़वी ने सोजख्वानी और मुजाहिद हैदर, अली हैदर, जाफर ईरानी, राहिल सगीर ने नोहाख्वानी की। मुशीर हैदर का कदीमी ताजिया आलमपुरा से मातमी नोहाख्वानी के साथ उठा और कोतवाली चौराहा, नगर पालिका चौराहा, तिकोनिया, शीश महल होकर आलमपुरा में समाप्त हुआ। घटिया अज़मत अली स्थित अली मेहदी के घर मजलिस में इमाम हुसैन के ताबूत, जुलजने, अली असगर के झूले, मौला अब्बास के अलम की जियारत बरामद हुई। अंजुमन हैदरी कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शावेज़ नक़वी ने बताया उर्दू मोहल्ला में सलीम रज़ा, दरगाह मौला अब्बास महेरे पर अली मेहदी, साबितगंज में सैफू की ओर से मजलिसें हुईं।

 

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