मगरमच्छ ने मवेशी को चंबल नदी में खींच कर मारा, क्षेत्र की जनता में हड़कंप
चकरनगर, इटावा। तहसील चकरनगर के यमुना चंबल के संगम भरेह में पानी पीने के दौरान एक पशुपालक की मवेशी को मगरमच्छ पकड़ कर पानी में खींच ले गया। जिसे मगरमच्छ के द्वारा आधे घंटे बाद मृत छोड़ा गया। घटना से नदी किनारे बसे गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है। विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीण जनता को पानी किनारे से भी दूर रहने की अपील की।
भरेह थाना के गांव अम्दापुर निवासी पशु पालक राधेश्याम निषाद नित्य की भांति गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे चकरपुरा गांव के नीचे संगम किनारे चंबल नदी में पशुओं को पानी पिला रहे थे, इसी दौरान अचानक एक मगरमच्छ करीब एक वर्ष का भैंस का बच्चा पकड़ कर पानी में खींच ले गया। घटना के प्रत्यक्षदर्शी पशु पालक की चीख-पुकार पर कुछ ही समय में पड़ोसी गांव के ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए, शोरगुल सुनकर करीब आधे घंटे के उपरांत मगरमच्छ ने बीच नदी में मरे हुए मवेशी को छोड़ दिया। तदोपरांत सैंक्चुअरी की टीम के द्वारा मोटर बोट से मरे मवेशी को नदी किनारे पार पर लाया गया। उक्त मगरमच्छ की घटना से आसपास के गांव में बसी आबादी में भय व्याप्त हो गया है। दरअसल नदियों का जल स्तर बढ़ने के दौरान नदी किनारे बसे गांव के ग्रामीणों के साथ प्रतिवर्ष अक्सर घटनाएं घटित होती हैं, बावजूद इसके भी आम नागरिक सीख लेने को तैयार नहीं है। पिछले वर्ष भी थाना क्षेत्र के ख्यालीपुरा की 14 वर्षीय किशोरी मुस्कान पुत्री विक्रम केवट को घड़ियाल पानी में खींच ले गया था। घटना के संबंध में सैंक्चुअरी विभाग की टीम ने पशु पालक के द्वारा पशु का पोस्टमार्टम न कराने की बात कहते हुए, मुआवजा न मिलने की बात कही। विशुन पाल सिंह चौहान, सैंक्चुअरी वन दारोगा रेंज ने बताया कि मगरमच्छ के द्वारा मारे गये मवेशी के पोस्टमार्टम कराने की सूचना पशु पालक ने विभाग को नहीं दी, इससे पशुपालक को मुआवजा नहीं मिल सकता है।