मकसदे हुसैन क्या है, इसे समझना जरूरी- मौलाना मिर्जा
इटावा। रसूल अल्लाह का दीन बचाने के किये कर्बला में अपना पूरा घराना अल्लाह की राह में कुर्बान करने वाले शहीदे आजम इमाम हुसैन की याद में शिया समुदाय ने मजलिसों का आयोजन किया।
इमामबाड़ा आलमपुरा में आयोजित मजलिस में तकरीर करते हुए दिल्ली से आये मौलाना मिर्जा अज़हर अब्बास ने कहा कि इमाम हुसैन को मदीने में दरबार मे बुलाकर समझौते करने को जब कहा तो हुसैन ने साफ इंकार करके यह बता दिया कि हक बातिल से कभी बैयत नहीं कर सकता। जिस हुसैन ने रसूल की गोद मे परवरिश पाई हो वह कभी दुश्मने इस्लाम के आगे नही झुक सकता। अगर हम मकसदे हुसैन समझ लें तो कर्बला समझ मे आ जायेगी। कुरान एहलेबैत एक दूसरे से कभी जुदा नहीं हो सकते। मकसदे हुसैन को समझना बहुत जरूरी है। अंजुमन हैदरी कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शावेज़ नक़वी ने बताया मिश्री टोला और दरगाह मौला अब्बास महेरे पर रज़ी हैदर की ओर से, सिटी पोस्ट ऑफिस के पास सराये शेख स्थित जहूर नक़वी के आवास, पक्की सराये स्थित बड़े इमाम बाड़े में गुलामुस सैयदेन, फ़ातिमा स्कूल सैदबाड़ा स्थित इमामबाड़े में राहत अक़ील की ओर से आयोजित मजलिसों में मौलाना अनवारुल हसन जैदी इमामे जुमा इटावा ने तकरीर की और इमाम बाड़ा अज़मत अली पर आयोजित मजलिस में मौलाना शमशुल हसन खान जौनपुरी इमामे जुमा बरेली शरीफ ने तकरीर की। मजलिसों में तसलीम रज़ा, जहूर नक़वी ने सोजख्वानी की, सलमान रिज़वी, आबिद रज़ा, कैफ वारसी ने कलाम पेश किए और तनवीर हसन, राहिल सगीर ने नोहा ख्वानी की।