जसवंतनगर के मुख्य डाकघर में 38 दिनों से डाक सेवाएं ठप्प
*4 जून को चोरी हुई थी, तब से हुई है हालत बदतर *पोस्टमास्टर का कर दिया तबादला *लोग कर रहे धरना, प्रदर्शन, ज्ञापन की तैयारी

फोटो:- जसवंत नगर के मुख्य डाकघर का गेट और दफ्तर में खाली पड़ी पोस्ट मास्टर की कुर्सी
जसवंतनगर(इटावा)। मुख्य डाकघर जसवंतनगर में पिछले 38 दिनों से कामकाज ठप्प है।जैसे-तैसे डाक वितरण का काम नगर में हो रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में मैनुअली डाक छांटकर हफ्ते में एकादि दिन भेजी जा रही है। अन्य डाक विभाग द्वारा प्रदत्त की जाने वाली तथा वित्तीय सेवाएं पूरी तरह बंद है।
लोग यहां के चक्कर लगाते लगाते परेशान हैं। सबसे ज्यादा तो वह लोग परेशान हैं, जो पोस्ट ऑफिस में सेविंग खाता, रिकरिंग डिपॉजिट तथा बचत योजनाओं आदि में अपना पैसा जमा और निकासी करते हैं।

आपको बता दें कि जसवंतनगर के इस मुख्य डाकघर में पिछली 4/5 जून की रात को चोरों ने पिछवाड़े की खिड़की काटकर उसमें से डाकघर की सेवाओं को संचालित करने वाले सभी कंप्यूटर, नोट गिनने की मशीन, प्रिंटर आदि चोरी कर लिए थे।
हालांकि जसवंत नगर पुलिस ने दूसरे ही दिन 6 जून को ही चोरों को धर दबोचा था और पोस्ट ऑफिस से चोरी गए सारे कंप्यूटर और अन्य सामान बरामद कर लिए थे, फिर भी इस डाकघर में डाक विभाग से जुड़ी सेवाएं 38 दिनों बाद भी सामान्य नहीं हुई हैं।
बताया गया है कि इस डाकघर से चोरी किए गए सामान की बरामदगी के बाद पुलिस प्रशासन ने इटावा जिले के चीफ पोस्टमास्टर को सभी चोरी किए गए उपकरण, कंप्यूटर आदि सौंपा दिए थे।
बताया गया है कि जसवंत नगर के इस डाकघर में चोरी की घटना के घट जाने के बाद डाक विभाग ने न तो बरामद हुए कंप्यूटरों को यहां भेजा और न ही नए कंप्यूटर भेजकर सेवाएं बहाल करवाई गईं ,बल्कि पोस्टमास्टर के रूप में कार्यरत मुकेश सक्सेना और पी ए चक्रपाणि का रूटीन तबादला 16 और 19 जून को कर दिया।
उनके तबादले के बाद दूसरे लोग भी नहीं भेजे गए और सुनील चौधरी नामक व्यक्ति, जो उप डाकपाल के पद पर तैनात है ही अकेला अब कार्यभार संभाले है। केवल एक कंप्यूटर इस बीच भेजा गया, जो केवल डाक बांटने,चढ़ाने के काम करने में उपयोग हो रहा है। स्टॉफ और कंप्यूटरों की कमी से पूरी तरह डाक वितरण भी नगर में नियमित नहीं हो पा रहा है। बताया तो यहां तक गया है कि साधारण डाक तो कई कई दिन बट ही नहीं पा रही है।
कंप्यूटरों की कमी से रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट, पार्सल आदि डाक बुकिंग भी इस पोस्ट से प्रभावित है। सबसे ज्यादा परेशानी तो यहां डाकघर में धन जमा करने वालों और धन निकासी करने वालों को है। डाक विभाग की बचत और अन्य योजनाओं से जुड़े दर्जनों एजेंट भी करीब सवा महीने से हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं।
बताते हैं कि इस डाकघर से रोजाना 20 – 25 लाख रुपए का लेनदेन हुआ करता था, वह अब नहीं हो पा रहा है। सबसे ज्यादा तो वह गरीब तबका परेशान है,जिसका पैसा और बचत खाते, एफडी आदि जमा है। वह चाह कर भी निकासी नहीं कर पा रहे हैं।रोज डाकघर के चक्कर आज कल के चक्कर में लगाते लगाते परेशान हैं।
इटावा जिले के मुख्य पोस्टमास्टर को लोगों ने फोन कर कई बार यहां की स्थिति से अवगत कराया, मगर उन्होंने व्यवस्था ठीक करने की कोई पहल नहीं की। उल्टे एक बार फोन करने के बाद, दूसरी बार पोस्ट मास्टर का फोन ही नहीं उठाया गया। इस स्थिति से परेशान पोस्ट ऑफिस के एजेंट और ग्राहक वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन देने तथा धरना- प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।
-वेदव्रत गुप्ता
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