कचौरा यमुना पुल को जोड़ रही सड़क के गड्ढे 17 सालों में भी नही भर पाए
*मुख्यमंत्री की घोषणाएं हवा हवाई

______
फोटो:- कचौरा घाट के पास यमुना पुल से पहले सड़क पर जानलेवा गड्ढे, खड्ड में गिरा ट्रोला(फाइल फोटो)
जसवंतनगर (इटावा)। गड्ढा मुक्त सड़कों का दावा भले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करें फिर भी जिलों के आला अफसरों को यह समझाने में नाकाम है कि उत्तर प्रदेश में कोई भी सड़क मुख्यमंत्री के वादे के आगे नहीं है और न ही वह सीमा के पचड़े में डालने वाली है।
इटावा और आगरा जिलों की सीमा पर यहां कचौरा घाट के पास एक सड़क का 400 मीटर हिस्सा पिछले 17 वर्षों से सीमा विवाद के साथ- साथ भूमि मुआवजे के विवाद के चलते भयंकर गड्ढों में तब्दील है। न ही आगरा और न ही इटावा के प्रशासनिक और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इस सड़क को दुरुस्त कराने की पहल कर रहे हैं।
हालात यह है कि आगरा और जसवंतनगर तथा इटावा की ओर से आने- जाने वाले दर्जनों वाहन आए दिन जानलेवा गहरे गड्ढों में फंसकर दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। अथवा खड्ड में गिर कर बड़ी दुर्घटनाओं को अंजाम देते हैं।
जसवंत नगर से करीब 8 किलोमीटर दूर कचौरा घाट पर यमुना नदी के पुल का निर्माण 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने यह सोचकर कराया था कि इटावा जिले का संपर्क आगरा और भिंड जनपदों के इलाकों से सीधा हो जाएगा। साथ ही नेशनल हाईवे की जगह वाहन कचौरा घाट पुल होते सीधे मध्य प्रदेश और आगरा की तरफ आने जाने लगेंगे। मुलायम सिंह यादव की पहल पर कचौरा घाट पर यमुना नदी का यह पुल मात्र डेढ़ वर्ष में बन गया था। पुल से आगरा की तरफ की रोड लोक निर्माण विभाग ने तुरंत ही बना दी थी, जबकि पुल से जसवंतनगर और इटावा जाने वाली रोड का निर्माण लोक निर्माण विभाग इटावा को पूरा करना था। पुल से लेकर कचौरा तिराहे तक का 400 मीटर का हिस्सा चूंकि कीरतपुर मढैया गांव के किसानों की जमीन का था। उन्होंने उसके मुआवजे के लिए मुलायम सिंह यादव के डर से कोई दावा उस समय नहीं किया था। सहज ही सड़क बनाने की अपनी रजामंदी दे दी, मगर उसके बाद जैसे ही मुलायम सिंह यादव सत्ता से उतरे किसानों ने सड़क पर अपनी जमीन का दावा ठोक दिया।इस वजह से इस टुकड़े पर निर्माण रुक गया। किसान 90 के लिए कोट चले गए कोर्ट ने मुआवजा देने का आदेश दिया इस आदेश के बाद प्रशासन ने तत्कालीन रेट पर भुगतान करने की पहल की, मगर किसान नेशनल हाईवे और आगरा की जमीनों पर दिए जाने वाले मुआवजे की दर पर मुआवजे की जिद पर अड़ गए और अपनी मां मंगवाने के लिए फिर से कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे हैं।
इस तरह सड़क के इस 300- 400 मीटर का टुकड़ा कचौरा तिराहे से यमुना पुल तक उबड़ खाबड़ पड़ा है। दासियों बड़े जानलेवा गड्ढों के साथ ही रोड के दोनों ओर कई कई मीटर गहरी खंदकें रोड में हो जाने से वाहन इन खंडकों में धसक कर गिर रहे हैं। हाल ही में एक ट्रोला के खंदक में गिर जाने से उसमें फंसे ड्राइवर के पैरों को काटना पड़ा।
कचौरा पुल के करीबी गांव सिरसा के पूर्व प्रधान राजेश यादव ने बताया है कि यदि इटावा और आगरा के प्रशासनिक अधिकारियों और लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने गंभीर पहल की होती तो 17 साल से गड्ढों में तब्दील यह मुख्य रोड कब की सही हो गई होती।:वेदव्रत गुप्ता
________
फोटो:- कचौरा घाट के पास यमुना पुल से पहले सड़क पर जानलेवा गड्ढे, खड्ड में गिरा ट्रोला(फाइल फोटो)