एमबीबीएस छात्रों की पढ़ाई के लिए बड़ा निर्णय, अब लावारिस शव का यूँ होगा इस्तेमाल
प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस छात्रों की पढ़ाई के लिए अब लावारिस शव काम आएंगे। इसके लिए सरकार नियमावली बनाने पर विचार कर रही है।
प्रदेश में चार राजकीय मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं। इसमें देहरादून, हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में चार सौ से अधिक छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन एमबीबीएस छात्रों को मानव शरीर की संरचना का अध्ययन के लिए पार्थिक देह की कमी है।
वर्तमान में मेडिकल कॉलेजों के पास 5 से 6 पार्थिक देह है जबकि मेडिकल शिक्षा ग्रहण कर रहे प्रत्येक 10 छात्रों के लिए एक पार्थिक देह (कैडेवर) की आवश्यकता होती है।मेडिकल कॉलेजों में पार्थिक देह की कमी को दूर करने के लिए सरकार लावारिस शव उपलब्ध कराने के लिए नियमावली बना रही है।
शोध एवं अध्ययन कार्य शुरू करने से पहले मेडिकल छात्र-छात्राएं व फैकल्टी पार्थिव शरीर के समक्ष एक विशेष शपथ लेने के उपरांत ही सम्मान के साथ प्रयोगात्मक कार्य शुरू करते हैं।