मौसम में बढ़ी गर्मी से गेहूं उत्पादक किसान चिंतित,उत्पादन में आ सकती है गिरावट
*मारी जाएगी जनवरी में बोई फसल
फोटो:गेंहू की फसल का एक खेत, जिसमे अभी बालेें पड़ना शुरू ही हुई है
जसवंतनगर(इटावा)।इस बार फरवरी माह में ही मौसम में यकायक गर्मी बढ़ने और दिन का टेंपरेचर 25 से 30 डिग्री तक पहुंचने से किसान परेशान हो उठे हैं,क्योंकि गेहूं की फसल इस समय या तो उग कर बढ़ रही है अथवा उसमें बाल आना शुरू हुई है।
फरवरी महीने में गेहूं की फसल की बढ़त पर होती है और इसी महीने के प्रथम सप्ताह से उसमें बालेँ पड़ना शुरू होती है। किसान जो गेहूं नवंबर में बोते हैं, उस गेहूं की फसल में इन्ही दिनों के दौरान वाले बनने और दाने पड़ने की प्रक्रिया शुरू होती है। वायुमंडलीय तापमान कम से कम 10:00 से 15 डिग्री तक जरूरी होता है। जिन किसानों ने गेहूं की बुवाई दिसंबर अथवा 15 जनवरी के बाद की गई होती है उनके खेतों को भी 10 से 15 डिग्री टेंपरेचर वायुमंडल का होना जरूरी होता है।
इस वर्ष यहां के किसान आलू की अगेती फसल मारे जाने के कारण गेहूं, आलू खोदकर कम ही बो सके हैं, इसलिए उन्होंने अपने खाली पड़े खेतों मे नवंबर महीने में ही ज्यादातर गेहूं बोया है।
ऐसा बोया गया गेहूं पूरे फरवरी महीने में खूब सर्दी चाहता है ,मगर इस बार फरवरी के पहले हफ्ते से ही मौसम रंग बदल रहा है और टेंपरेचर 15 डिग्री से ऊपर हो चला है, दिन में तो 28- 30 क्रॉस कर रहा है।
जो गेहूं किसानों ने 15 जनवरी के आसपास बोया है, वह तो अब तक उग रहा है और खड़ा ही हुआ है। ऐसे में तापमान व गरमी बढ़ने से पौध पीली पड़ने लगी है।साथ ही फसल के मारे जाने की संभावना उत्पन्न हो गई है।
मौसम में अचानक बढ़ी गर्मी ने न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे उत्तर भारत के किसानों को चिंतित किया है। इस बात को सरकार के कृषि विभाग ने संज्ञान में लेते हुए गेंहू उत्पादन में गिरावट का अंदेशा व्यक्त किया है।
किसान अचानक बढ़ी गर्मी से इस बात से भी चिंतित हैं कहीं मौसम न बिगड़ जाए और भारी वर्षा और उपल वृष्टि की आशंका उत्पन्न न हो जाए। फरवरी माह में सामान्य तौर से रहने वाला तापमान पहली बार एकदम से इस कदर बढ़ा है।
गेंहू उत्पादन किसान उम्मीद किए हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी हो जाए, तो उत्तर भारत में ठंड का मौसम कुछ दिनों बढ़ सकता है।फिर गेहूं की पैदावार अच्छी हो सकती है और गेंहू के दाने के पतले होने।की आशंका छट जाएगी।
।कानपुर के एक कृषि वैज्ञानिक ए एस रस्तोगी ने अचानक बढ़े तापमान को लेकर चिंता जताई है उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि यदि धूप से जमीन ज्यादा सूखने लगे, तो उन्हें फसल में सिंचाई की संख्या अवश्य ही बढ़ा देना चाहिए।
*वेदव्रत गुप्ता