विटामिन डी की कमी से आपको भी हो सकती हैं अस्थमा की शिकायत

ये बात सच है कि विटामिन डी और बी-12 हड्डियों के लिए बहुत जरूरी हैं । अगर ये कम हो तो आस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों हो सकती हैं। लेकिन विटामिन डी की कमी से केवल इतना ही नहीं होता बल्कि इसकी कमी से कैंसर और डिप्रेशन जैसी बीमारी होने का खतरा बना रहता है। डायबिटीज और दिल की बीमारी का कारण भी विटामिन डी की कमी बन सकती है।

विटामिन डी की कमी से अस्थमा की शिकायत हो सकती है। विटामिन डी की कमी और फेफड़ों की कार्यक्षमता में सीधा संबंध होता है। विटामिन डी सूजन पैदा करने वाले प्रोटीन को फेफड़ों से दूर रखने का काम करता है।  विटामिन डी की कमी से हार्ट अटैक तक आ सकता है।

विटामिन डी की कमी का सीधा संबंध सूजन संबंधी बीमारियों से है।   जब शरीर को धूप नहीं मिलती तो विटामिन डी बनाने वाले तत्व  कोलेस्ट्रॉल में बदल जाते हैं। विटामिन डी का स्तर कम होने से इम्यून सिस्टम तेजी से कम होने लगता है। इससे सर्दी व जुकाम और संक्रमण और बीमारियों की शिकायत बढ़ जाती है।

इनमें भरा है विटामिन डी का खजाना

  • मछली: सालमोन और ट्यूना ‘विटामिन डी’ का खजाना हैं। सालमोन से विटामिन डी की हमारी रोजाना जरूरत का एक तिहाई हिस्सा पूरा हो सकता है।
  • दूध: दूध से रोजाना के विटामिन डी का 20 फीसदी हिस्सा पूरा हो जाता है।
  • अंडे: अंडे की जर्दी में सफेदी से ज्यादा विटामिन डी पाया जाता है।
  • संतरे का रस: दूध की तरह ही संतरे का रस भी विटामिन डी से भरपूर होता है। संतरे के जूस को अपने आहार का में शामिल करें।
  • मशरूम: मशरूम में भी विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होता है। शीटेक मशरूम में सफेद मशरूम के तुलना में अधिक विटामिन डी होता है। अगर आप अपने आहार में विटामिन डी को जोड़ना चाहते है तो उसमें शीटेक मशरूम को शामिल करें।
  • पनीर: पनीर के सभी प्रकार में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। रिकोटा चीज में अन्य पनीर की तुलना में ज्यादा विटामिन डी होता है।
  •  कॉड लिवर ऑयल: कॉड लिवर ऑयल विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद विटामिन ए और डी का काफी उच्च स्तर होता है।

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