*अरे ! यह क्या, सड़क मरम्मत के नाम पर लीपापोती*
- सड़क मेंटेनेंस के नाम पर हो रही खानापूर्ति?
*(डॉक्टर एसबीएस चौहान)*
चकरनगर/इटावा। यमुना क्षेत्र अन्तर्गत यमुना पुल से पथर्रा की ओर जाने वाले मार्ग की लगभग हर वर्ष मरम्मत कार्य ठेकेदार द्वारा लगभग किया ही जाता है लेकिन हर बार एक बात यह भी देखी गई है की अक्सर सड़क निर्माण के नाम पर सड़क के ऊपर सड़क निर्माण कार्य कर दिया जाता है लेकिन अरे ! यह क्या, सड़क मरम्मत के नाम पर सिर्फ लीपापोती , सड़क मेंटेनेंस के नाम पर होती रहती हैं खानापूर्ति, क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत के नाम पर अधिकारियों ने गड्ढों से मुक्त सड़क निर्माण कार्य के नाम पर जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली। गौरतलब है खस्ताहाल सड़कों का हाल प्रकाशित कर सार्वजनिक प्रबंधन का ध्यान आकर्षित किया गया था। सड़क में गड्ढे के चलते वाहन चालकों को हो रही परेशानी व हादसों की आशंका के चलते मामले से अधिकारियों को अवगत कराया जाता है। यमुना से गढ़ाकास्दा होता हुआ भरेह चौराहा और भरेह चौराहा से लेकर पथर्रा,नगरा,चकरपुरा, महुआसूंडा, आदि गाँवों होता हुआ चकरनगर जाने वाले मार्ग पर इन दिनों मरम्मतीकरण खानापूर्ति के नाम पर किया गया। जिसमें एरिया के लोगों का कहना है कि संबंधित जिम्मेदार मरम्मत कार्य में मापदंडों का ध्यान रखें बिना ही खानापूर्ति कर निर्माण कार्य को लगता है समाप्त कर चुके हैं।आपको बता दें कि यह कार्य विभाग से मिले दिशा निर्देश पर कराया जाता है। जबकि कार्य में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों को देख कर गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है।क्षेत्र में सड़क का कार्य भगवान भरोसे चल रहा हैं।निर्माण स्थल पर न तो जिम्मेदार अधिकारियों का आना होता और न ही किसी प्रकार से मॉनीटरिंग ही की जाती है। हर छोटा बड़ा निर्माण कार्य प्रारंभ होकर समाप्त हो जाता है मगर कार्य के दरमियान निर्माण कार्य को देखने कोई नहीं आता, और यदि आता भी है तो कब आ कर चला जाता है क्षेत्र की जनता एहसास नहीं कर पाती इसकी मूल वजह यही है कि यदि जनता जान जाएगी तो शिकवा शिकायत होगी इसलिए यह परहेज शायद किया जाता हो!
गौरतलब हो कि सड़क का कहीं कहीं पर तो नामोनिशान ही खत्म होने की नौबत आ चुकी है, सड़क पर एक जगह नहीं बहुतेरी जगह पर तमाम गड्ढे और सड़क के रेनकट से लेकर कई जगह बीचोबीच बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है लेकिन वहां पर तो लीपापोती का भी कार्य नहीं कराया गया लगता है इसे अब अगले वर्ष के लिए छोड़ दिया गया है। क्षेत्रीय ग्राम प्रधानों,हरौली बहादुरपुर,गढा़कास्दा, महुआसूँड़ा,पथर्रा, छिबरौली आदि ग्राम प्रधानों ने विभागीय अधिकारियों व राजकीय ठेकेदार से मांग की है कि कार्य मापदंडों के अंतर्गत सुचारू रूप से पूरा कराया जाए खानापूर्ति नहीं यदि इस पर कोई संबंधित अधिकारियों ने ध्यान न दिया तो क्षेत्र की जनता फिर इसका डटकर विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरेगी जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।