नेता स्व0 शारदेन्दु शरद की पुण्यतिथि पर कवि सम्मेलन का आयोजन
अरूण दुबे।भरथना। वरिष्ठ कवि व शिक्षक नेता स्व0 शारदेन्दु शरद की पुण्यतिथि पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें ख्यातिप्राप्त कवियो ने गजल,गीत व कविता पाठ कर खूब तालियां बटोरी।
जवाहर रोड स्थित अवध वाटिका में आयोजित कवि सम्मेलन में सबसे पहले युवा कवियत्री अपराजिता सिंह ने सरस्वती वंदना का पाठ सुनाया और सैनिक पापा की बेटी हूँ,जोश हृदय में भरती हूँ…सुनाकर वाहवाही बटोरी। कवि महेंद्र मिहोनवी ने “एक नजर से देखते सबको लंबरदार…सुनाया। गजलकार अशोक यादव ने बदली जो कुदरत ने करवट,सूखे सावन लग रहे, का पाठ किया।लखीमपुर खीरी के कवि फारूख सरल ने “प्रतिष्ठा पद ना ये रुतबा ना ये धन धाम रहता है…का सुनाकर लोगों की तालियां बटोरी। कवि रौनक इटावी ने “तुम ने हर नक्श खुशी का मिटा दिया।घिरोर के कवि सतीश मधुप ने संचालन करते हुए ‘केसरिया पावक सा पावन….सुनाया।इसके अलावा डॉ राजीव राज,जनवादी कवि अनिल दीक्षित आदि ने अपनी अपनी रचनाएं सुनाई।
इससे पहले कार्यक्रम के दौरान दिवंगत शारदेन्दु शरद के जीवन से जुड़े छायाचित्रों व जानकारी पर संकलित पुस्तिका का विमोचन किया गया। उनकी पत्नी कुसुमा देवी,पुत्र उत्कर्ष,श्रेष व निर्झर के अलावा भाई देवेंद्र यादव,श्रीश यादव, भतीजे अजितेश व ईशु आदि परिजन द्वारा कविगणों को शॉल व प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत सम्मान किया गया।
इस दौरान विधायक प्रदीप यादव,पूर्व ब्लॉक प्रमुख हरिओम यादव,पूर्व पालिकाध्यक्ष मनोज पोरवाल, अजय यादव गुल्लू आदि मौजूद रहे।समारोह की अध्यक्षता पूर्व राज्यमंत्री श्रीकृष्ण यादव ने की।