दीपावली का त्यौहार मनते ही किसान जुटा आलू ,सरसों की बुवाई में
*अबयहां कम पैदा किए जाते मटर और लहसुन
फोटो आलू बोने के लिए एक खेत में ट्रैक्टर से मेढ़ बनती हुईं
जसवंतनगर (इटावा)। इस बार दीपावली के 10 दिन पूर्व तक लगी रही बरसात की झड़ी के कारण किसानों को खेतों में आलू, सरसों, मटर और लहसुन की बुवाई में काफी देरी हुई है।साथ ही सब्जी उत्पादक किसानों को ओट न आने की वजह से टमाटर, बैगन, मिर्च, गोभी ,पत्ता गोभी आदि की रोपाई करने में काफी विलंब झेलना पड़ा है।
अब दीपावली का त्योहार संपन्न हो चुका है, इसलिए किसान जोरदार ढंग से अपने खेतों में जुट गया है। वह आलू की बुवाई के लिए खेतों को तैयार कर आलू रखने लगा है।ट्रैक्टरों से खेतों में मशीन के जरिए मेढ़ बनाकर आलू बोया जा रहा है, साथ ही दीपावली से पूर्व उसने जो सरसों बोई हुई थी, वह खेतों में सड़ गई, अब दोबारा से सरसों को बोने में जुट गया है। बहुत से किसान जो आलू और सरसों पैदा नही करते और जिनके खेत अच्छी मिट्टी के हैं। वह मटर की बुवाई कर रहे हैं।
दशहरा पर्व के बाद जो बरसात हुई ,उससे सब्जी उत्पादक किसानों को भारी नुकसान हुआ, उनके द्वारा रोपी गई बैगन, गोभी, मिर्च, पत्ता गोभी और गोभी की 80 प्रतिशत पौध सड़ गई या बर्बाद हो गई । अब नए सिरे से खेतों को तैयार कर उनमें इन सब्जियों की नई पौध लगाकर उन्हें बोने में किसान जुट गया है। किसान बताते हैं कि इस बार उनका भारी नुकसान हुआ है। उनके द्वारा लाई गई हजारों रुपए की पौध बरसात के कारण बर्बाद हो गई। बोयी गई पौध अब तक फूल देने लगती अथवा उनसे सब्जियां पैदा होना शुरू हो जाती। बहरहाल किसानों को भले ही दोबारा यह फसलें बोनी पड रही हैं, मगर यह दिसंबर तक पैदावार देने लगेगी।
कुवार के महीने में बरसात होने से आलू की अगेती फ़सल 80 परसेंट तक मारी गई, अब ऐसे किसान आलू की रूटीन फसल बोकर अथवा अपने खेतों में सरसों की बुवाई करके केश पैदावार की उम्मीद किए है। मगर गेहूं को।पैदावार के लिए नहीं बो सकेंगे।
जसवंतनगर और सैफई इलाके में लगभग 15हजार हेक्टेयर भूमि में आलू की फसल बोई जाती है। जबकि अब सरसों की फसल भी लगभग 5000 हेक्टेयर भूमि में किसान करते हैं। इसके अलावा मटर की फसल भी की जाती है। सब्जी उत्पादन कई गांवों में किसान करके कैश क्रॉप के रूप में पैदा करते हैं। हालांकि आलू की अगेती फसल इस बार नहीं हो सकी है, मगर आलू के बोए जाने से पूर्व, जो वर्षा हुई है ,उससे न केवल आलू बल्कि सरसों की फसल को अच्छा फायदा होने वाला है, बशर्ते कोई बीमारी न लगे और अब बरसात न हो।
-वेदव्रत गुप्ता