भारतीय तीरंदाज अभिषेक वर्मा और ज्योति सुरेखा क्या भारत को दिला पाएंगे विश्व कप में दूसरा पदक ?
भारत के कम्पाउंड तीरंदाजों ने विश्व कप के तीसरे चरण में स्वर्ण सहित दो पदक जीतकर इतिहास रच दिया था ।वर्मा और ज्योति की कम्पाउंड मिश्रित जोड़ी ने एस्टोनिया की रॉबिन जाटमा और लिसेल जाटमा को सेमीफाइनल के एकतरफा मुकाबले में 156-151 से हराया.
अभिषेक वर्मा और ज्योति सुरेखा वेन्नम की जोड़ी ने फाइनल में फ्रांस के अनुभवी प्रतिद्वंद्वियों को हराकर कम्पाउंड मिश्रित टीम तीरंदाजी स्पर्धा में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। इसके बाद विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज ज्योति को व्यक्तिगत वर्ग के बेहद करीबी फाइनल मुकाबले के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा।मुश्किल परिस्थितियों में वर्मा और ज्योति ने अपनी एकाग्रता बनाए रखी और अंतिम स्कोर 155-155 (19-19) के बाद शूट-ऑफ में जीत दर्ज की.
एला गिब्सन के खिलाफ फाइनल मुकाबला 148-148 की बराबरी पर छूटने के बाद शूट आउट में दोनों निशानेबाजों ने 10-10 अंक का निशाना साधा लेकिन प्रतिद्वंद्वी निशानेबाज का तीर लक्ष्य के केन्द्र के ज्यादा करीब था। भारतीयों ने दूसरे दौर में 10 अंक का सिर्फ एक निशाना साधा और फ्रांस की जोड़ी को वापसी का मौका मिल गया। फ्रांस ने भारत की बढ़त को कम कर के एक अंक का कर दिया।